​World Rat Day 2023: 4 अप्रैल को पूरी दुनिया वर्ल्ड रैट डे मनाती है. यानी ये दिन चूहों के लिए उनके याद में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि इंसान चूहों के प्रति अपनी नफरत को खत्म करे और उनके बारे में अच्छा सोचे. दरअसल, ब्यूबोनिक प्लेग के बाद से पूरी दुनिया में चूहों को नफरत की निगाहों से देखा गया. उन्हें बीमारी फैलाने वाला, खाना चुराने वाला, अनाज बर्बाद करने वाला एक गंदा जीव माना गया. लेकिन चूहे इससे कहीं बेहतर हैं. उनके अंतर कमाल की क्षमताएं हैं...यहां तक की कुछ लोग चूहों को पालते भी हैं और उन लोगों का मानना है कि चूहे बेहद बुद्धिमान और मनोरंजक साथी होते हैं. इंसानों को उनके प्रति संवेदनशील होने की जरूरत है और इसके साथ ही उन्हें देखभाल और ढेर सारे प्यार की जरूरत है.


कैसे शुरू हुआ वर्ल्ड रैट डे


चूहे सबसे शुरुआती स्तनधारी प्रजातियों में से एक हैं जो आज भी धरती पर मौजूद हैं. ये तब से धरती पर हैं... जब डायनासोर पृथ्वी पर रहते थे. मानव सभ्यता के उद्भव के अलावा, उन्होंने कई नई प्रजातियों के उद्भव को भी देखा है. इतिहास में चूहे हमारी सभी सफलताओं और असफलताओं के गवाह थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि एशिया में चूहों को यूरोप की तुलना में ज्यादा अनुकूल माना जाता है. यूरोप में जहां उन्हें अपशकुन के रूप में देखा जाता है, वहीं एशिया के भारत जैसे देश में उन्हें कई जगह पूजा जाता है. चूहा हिंदू धर्म के भगवान श्री गणेश का वाहन भी है. अब मूल सवाल पर आते हैं कि आखिर वर्ल्ड रैट डे मनाने की शुरुआत कब से हुई है. दरअसल, 2002 में कुछ लोगों के एक समूह ने चूहों को समर्पित एक दिन शुरू किया और उसी के बाद से 4 अप्रैल को वर्ल्ड रैट डे मनाया जाने लगा.


कैसे मनाया जाता है ये दिन


इस दिन को लोग अपने-अपने तरीके से मनाते हैं. वैसे देखा जाए तो इस दिन को मनाने का सही तरीका है कि आप इस दिन चूहों के बारे में खूब पढ़ें. समझने की कोशिश करें की उनके पृथ्वी पर होने से आपको क्या लाभ है. चूहे एक ऐसे जीव हैं जिनसे जुड़ी कई कहानियां हैं आपको अपने धर्म ग्रंथों में भी मिल जाएंगी. इसलिए अगर आप विश्व चूहा दिवस मनाना चाहते हैं तो इनके बारे में पढ़ें और इन्हें सम्मान देने और दिलाने की वजह तलाश करें.


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