गेंद से दिखने वाले इस सैटेलाइट ने धरती के चक्कर लगाए थे, नासा की उड़ गई थी नींद
World's First Satellite: जब इतिहास के पन्ने में सैटेलाइट का अध्याय लिखा जा रहा था तब रेस में रूस अकेला देश था. उसके स्पेस मिशन ने नासा की नींद उड़ा दी थी.
World's First Satellite: स्पुतनिक 1 दुनिया का पहला आर्टिफिशियल सैटेलाइट था और इसे 4 अक्टूबर 1957 को सोवियत संघ द्वारा लॉन्च किया गया था. स्पुतनिक 1 के सफल लॉन्चिंग ने अंतरिक्ष युग की शुरुआत कर दी. इसने सिर्फ इतना ही नहीं किया बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच स्पेस की एक दौड़ शुरू कर दी. स्पुतनिक 1 को कजाकिस्तान के बैकोनूर कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था. स्पुतनिक 1 का पहला उद्देश्य पृथ्वी के चारों ओर एक आर्टिफिशियल उपग्रह को कक्षा में भेजने की क्षमता का प्रदर्शन करना था. इसमें पृथ्वी के वायुमंडल के विभिन्न मापदंडों को मापने के लिए वैज्ञानिक डिवाइस लगे थे.
83 किलोग्राम के करीब था वजन
स्पुतनिक 1 चार लंबे एंटेना वाला एक गोलाकार उपग्रह था, और यह रेडियो सिग्नल जेनरेट करता था, जिसे पृथ्वी पर पता लगाया जा सकता था. इसका व्यास लगभग 58 सेंटीमीटर (लगभग 23 इंच) था और इसका वजन लगभग 83.6 किलोग्राम (लगभग 184 पाउंड) था. स्पुतनिक 1 की पृथ्वी के चारों ओर एक अण्डाकार कक्षा थी, जिसकी पृथ्वी से निकटतम बिंदु लगभग 215 किलोमीटर (लगभग 134 मील) और पृथ्वी से सबसे दूर बिंदु लगभग 939 किलोमीटर (लगभग 583 मील) थी.
स्पुतनिक 1 लगभग तीन महीने तक कक्षा में रहा. इससे पहले कि उसके रेडियो ट्रांसमीटर की बैटरियां खत्म हो गईं और उसने सिग्नल प्रसारित करना बंद कर दिया. यह पृथ्वी के वायुमंडल में पुनः प्रवेश करने और 4 जनवरी 1958 को जलने से पहले कई महीनों तक पृथ्वी की परिक्रमा करता रहा. स्पुतनिक 1 का प्रक्षेपण अंतरिक्ष इनोवेशन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जाता है. शीतयुद्ध काल के दौरान विज्ञान, टेक्नोलॉजी और भू-राजनीति पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा. अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के लिए चिंता का विषय बना दिया था. उसके बाद से नासा ने भी स्पेस मिशन को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था.
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