World's Richest Country: आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. नंबर-1 पर अमेरिका फिर चीन, जापान और जर्मनी है. यह पांच नाम दुनिया की ताकतवर इकोनॉमी वाले देश का है, लेकिन यह सभी देश दुनिया के सबसे अमीर देश की लिस्ट में टॉप पर नहीं आते हैं. अमीर देश की गणना जीडीपी और पीपीपी के आधार पर होती है. जीडीपी का मतलब सकल घरेलू उत्पाद यानि उस देश में एक तय समय में कितना उत्पादन अलग-अलग सेक्टर में हुआ है. किसी देश की ग्रोथ उसके जीडीपी से तय की जाती है. और रही बात पीपीपी की तो बता दें कि पीपीपी का मतलब पर्चेजिंग पावर पैरिटी यानि उस देश के लोग किस हिसाब से समान को खरीदते हैं. अब आसान भाषा में समझ लें तो जिस देश में यह अधिक होगा यानि जहां कमाई और खर्च अधिक होंगे वही देश सबसे अमीर देश बनेगा.


दूसरे देश के लोग इस देश में जाने की रखते हैं तमन्ना


सबसे अमीर देश की लिस्ट में पहला नाम आयरलैंड का आता है. इस देश का प्रति व्यक्ति जीडीपी और पीपीपी 145,196 डॉलर है, जो किसी भी देश की तुलना में सर्वाधिक है. अब अगर हम लिस्ट में दूसरे नंबर पर आने वाले देश की बात करें तो उसका नाम लक्जमबर्ग है, जहां के व्यक्तियों की पर्चेजिंग पावर 142,490 डॉलर है. यही हाल सिंगापुर, कतर और मकाउ जैसे देश का भी है, जहां के नागरिकों की पर्चेजिंग पावर क्रमश: 133,895 डॉलर, 124,848 डॉलर और 89,558 डॉलर है. इन देशों के शहरों में बेहतर सुविधाएं और आसान सर्विस उपलब्ध होती है. वहां के लोग एक बेहतर जिंदगी जीते हैं. दुनिया भर के लोग इस देश में जाकर बसना चाहते हैं ताकि उनका स्टैंडर्ड ऑफ लिविंग में बढ़ सके.


क्या है भारत का हाल? 


भारत की बात करें तो देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है. हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक ने एक रिसर्च पेपर जारी किया था, जिसके अनुसार, भारत साल 2027 तक जर्मनी को पीछे छोड़ देगा जो दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और 2029 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश जापान को भी पछाड़ देगा. इंडिया के पड़ोसी देश चीन की बात करें तो साल 2007 में चीन की प्रति व्यक्ति आय 2,694 डॉलर थी, जिसकी बराबरी 2023 में भारत कर सकता है. आईएमएफ को उम्मीद है कि भारत की प्रति व्यक्ति आय 2023 में बढ़कर 2,601 डॉलर हो जाएगी. बीबीसी की एक रिपोर्ट में अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव हैंके जॉन्स बताते हैं कि भारत जनसंख्या के मामले में तो चीन को पछाड़ चुका है लेकिन विकास के मामले में आज भी कहीं ज्यादा पीछे है.  


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