सांप इस धरती पर तब से हैं जब से डायनासोर जैसे जीव यहां रहा करते थे. हम ये बात हवा में यूं हीं नहीं कह रहे हैं. दरअसल, हाल ही में ब्राजील में जब एक जगह जमीन की खुदाई हुई तो वहां खोजकर्ताओं को करोड़ों साल पुराना एक जीवाश्म मिला. जब जांच की गई तो पता चला कि ये एक सांप का जीवाश्म है और ये तब का है जब धरती पर डायनासोर भी मौजूद थे.


इससे भी ज्यादा हैरान करने वाली बात ये थी कि इस सांप के चार पैर भी थे. खैर, 16 जुलाई को पूरी दुनिया वर्ल्ड स्नेक डे मनाती है. चलिए आज आपको बताते हैं कि अगर धरती पर सांप नहीं रहेंगे तो पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा. लेकिन इससे पहले आप सांपों के पैरों की कहानी एक बार जरूर जान लें.


पैरों वाले सांप कैसे होते थे


ब्राजील में मिले सांप के जीवाश्म से ये तो तय हो गया कि पहले सांपों के भी पैर थे, लेकिन अब सवाल उठता है कि क्या सांप इन पैरों से चला भी करते थे. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस सांप के जीवाश्म को देखकर जिस तरह के पैरों के बारे में पता चला है, उसे देखकर ये तो नहीं कहा जा सकता कि सांप इन पैरों का इस्तेमाल चलने के लिए करते होंगे.


दरअसल, सांप के इस जीवाश्म में जिस तरह के पैर दिख रहे हैं वो बेहद छोटे और नाजुक थे. कुछ वैज्ञानिक मानते हैं कि उस दौर में सांप इन पैरों का इस्तेमाल तैरने के लिए किया करते होंगे. जबकि, जमीन पर वो रेंगकर ही चला करते होंगे. ये तो हो गई सांप के पैरों की कहानी. चलिए अब आपको बताते हैं कि अगर सांप दुनिया से खत्म हो जाएं तो क्या होगा?


अगर सांप खत्म हो जाएं तो क्या होगा


सांप सिर्फ इंसानों को डसने के लिए ही नहीं हैं. इनका पर्यावरण में भी अहम योगदान है. सांप अगर खत्म हो जाएं तो किसानों के खेत चूहे चंद दिनों में बर्बाद कर देंगे. इसके अलावा जो जीव सांपों को अपना आहार बनाते हैं, वो भी विलुप्ति के कगार पर आ जाएंगे. सांपों के जहर से कई प्रकार की दवाईयां बनती हैं. अगर सांप इस धरती से गायब हो गए, तो उन दवाइयों की कमी हो जाएगी. इसके अलावा सांप अगर खत्म हो गए तो धरती पर मेंढकों की आबादी इतनी बढ़ जाएगी कि आप सोच भी नहीं सकते.


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