क्या सांप के काटने की कोई वैक्सीन बनी है? हर साल होती हैं इतनी मौतें
World Snake Day: आज दुनिया में विश्व सांप दिवस मनाया जाएगा. इस बीच हमको आपको बताएंगे सांपों से जुड़ी कुछ जरूरी जानकारी. हर साल सांपों के काटने से भारत में कितनी मौतें होती हैं इसके आंकड़े.
World Snake Day: आज यानी 16 जुलाई को पूरी दुनिया में विश्व सांप दिवस यानी वर्ल्ड स्नेक डे मनाया जाएगा. दुनिया भर में लोगों को सांपों के बारे में जागरूक करने के लिए, उनकी विभिन्न विभिन्न प्रकार की प्रजातियों के बारे में लोगों को बताने के लिए पूरी दुनिया विश्व सांप दिवस मनाती है. सांपों के बारे में लोग बाकी जानवरों की तुलना में इतने परिचित नहीं है.
इसीलिए विश्व सांप दिवस लोगों को सांपों के बारे में और जानकारी के लिए जागरूक करता है. वहीं अगर बात की जाए तो भारत में हर साल हजारों की संख्या में सांप के काटने के चलते लोगों की मौत होती है. इस बात को लेकर लोगों के मन में सवाल यह आता है क्या सांप के काटने को लेकर अब तक किसी प्रकार की कोई वैक्सीन नहीं बन पाई है तो चलिए आपको देते हैं इन सब सवालों के जवाब.
मौजूद है एंटीवेनम इंजेक्शन
दुनिया में तरह-तरह के सांप होते हैं जिनमें कुछ जहरीले होते हैं तो कुछ काम जहरीले होते हैं तो वही कुछ बेहद जहरीले होते हैं. सांप के काटने के चलते होने वाली मौतों को देखते हुए अब एंटी वेनम इंजेक्शन ईजाद कर लिया गया है. एंटी वेनम इंजेक्शन जहरीले सांपों के जहर को निकाल कर फिर उसे घोड़े के खून के साथ मिलाकर केमिकलाइज्ड किया जाता है. इसके बाद एंटी वेनम इंजेक्शन तैयार हो जाता है. सामान्य तौर पर कम जहरीले सांपों के लिए एंटी वेनम इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती. लेकिन जब ज्यादा जहरीले सांप काट लेते हैं. तो फिर एंटी वेनम के बिना काम नहीं जान नहीं बचाई जा सकती.
हर साल होती हैं इतनी मौतें
एक आंकड़े के अनुसार भारत में हर साल 50 लाख से ज्यादा लोगों को सांप काटते हैं. कोबरा, किंग कोबरा, क्रेट और ब्लैक माम्बा जैसे सांप काफी जहरीले होते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक इन सांपों के काटने से हर साल तकरीबन 1 लाख से ज्यादा लोगों की सांप के काटने के चलते मौत हो जाती है. तो वहीं जहर के चलते हजारों की संख्या में लोगों के अंग काटने पड़ते हैं. दुनिया भर में अगर सांपों की प्रजातियों की बात की जाए तो 3500 से ज्यादा प्रजातियां हैं. इनमें से 600 प्रजातियां ही जहरीली होती हैं. वहीं इनमें से 200 प्रजातियां काफी खतरनाक होती हैं. जो इंसानों पर भी हमला कर सकती है.
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