पूरी दुनिया में एक समय सिर्फ राजाओं का वर्चस्व था. हालांकि भारत के अलावा कई देश ऐसे भी थे, जिन्हें अंग्रेजों ने गुलाम बनाकर रखा था. लेकिन सालों के लंबे संघर्ष के बाद आजादी मिलने पर कई देशों ने संवैधानिक लोकतंत्र को अपना लिया गया था. लेकिन उसके बावजूद दुनिया के कुछ देशों में राजशाही चलती है. आज हम आपकों बताएंगे कि दुनिया किन देशों में अभी भी राजशाही है और नेपाल में दोबारा क्यों राजशाही की मांग उठ रही है.
नेपाल
पड़ोसी देश नेपाल में एक बार फिर राजशाही बहाली की मांग उठी है. जानकारी के लिए बता दें कि नेपाल में 2008 में राजशाही समाप्त हुई थी. लेकिन अब दोबारा वहां पर देश को हिंदू राष्ट्र बनाए जाने की जोरदार मांग हो रही है. कुछ समय पहले भी राजशाही की बहाली को लेकर नेपाल नरेश के हजारों समर्थकों ने राजधानी काठमांडू में एक मार्च निकालने की कोशिश की थी. बता दें कि राजनीतिक दलों और राजनेताओं के भ्रष्ट आचरण के कारण स्थानीय जनता वहां पर पीड़ित है.
16 साल में ही नेपाल में गणतंत्र से क्यों हो गया मोहभंग?
बता दें कि नेपाल में वर्ष 2008 में राजशाही खत्म होने के बाद वहां पर अब तक 13 सरकारें रही हैं. नेपाल के लोग अधिकांश सरकारों से नाखुश ही दिखे हैं. वहां के लोग अपने देश में स्थिर और मजबूत सरकार चाहते हैं. इतना ही नहीं वहां के लोग चीनी सरकार का हस्तक्षेप भी अपने देश में नहीं चाहते हैं.
दुनिया में राजशाही
दुनिया के किन देशों में राजशाही है? ये जानने से पहले ये जानना जरूरी है कि राजशाही कितने प्रकार की होती है. बता दें कि राजशाही को चार अलग-अलग तरह से बांटा गया है. जिसमें पहला संवैधानिक राजतंत्र, दूसरी पूर्णतया राजशाही, तीसरी संघीय राजशाही और मिश्रित राजशाही है.
संवैधानिक राजतंत्र
संवैधानिक राजतंत्र में सम्राट संवैधानिक रूप से स्थापित सरकार के साथ सत्ता का विभाजन करता है, लेकिन इस स्थिति में सम्राट के पास औपचारिक कर्तव्य और कुछ जिम्मेदारियां होते हुए भी कोई राजनीतिक शक्ति नहीं होती है. उदाहरण के तौर पर इंग्लैंड में राजा को सभी कानूनों को आधिकारिक बनाने के लिए उन पर हस्ताक्षर करना होता है, लेकिन उनके पास नए कानूनों को बदलने या उन्हें अस्वीकार करने की कोई शक्ति नहीं होती. जापान, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क में संवैधानिक राजतंत्र है.
पूर्ण राजतंत्र
पूर्ण राजतंत्र में राजा के पास पूरी राजनीतिक शक्ति होती है. उनके पास कानून बनाने, संशोधन करने समेत सभी अधिकार होते हैं. वे विदेश में देश का प्रतिनिधित्व भी कर सकते हैं और राजनीतिक नेताओं की नियुक्ति का भी अधिकार भी रखते हैं. आसान भाषा में कहे तो उनके पास देश चलाने के लिए सभी अधिकार होते हैं.बता दें सिर्फ 3 देशों में पूरी तरह से राजशाही लागू है. इन देशों में सऊदी अरब, एस्वातिनी, और वेटिकन सिटी शामिल है. हालांकि इनमें वेटिकन सिटी की आबादी मात्र 1000 लोगों की है.
संघीय राजशाही
संघीय राजशाही में राजा उन राज्यों की सरकारों के साथ काम करता है. यहां तक कि उन राज्यों पर शासन करने वाले राजतंत्र भी होते हैं. इस तरह की व्यवस्था संयुक्त अरब अमीरात और मलेशिया में लागू है. मलेशिया में संघीय राजशाही का बेहतरीन उदाहरण देखने को मिलता है. जहां हर पांच साल में प्रत्येक राज्य के शाही नेता आपस में चुनते हैं कि मलेशिया और संबंधित राज्यों का सम्राट या यांग डि-पर्टुआन एगोंग कौन होगा. वहीं इस देश में राजशाही भी संवैधानिक है, जो लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित निकाय को शासन करने की अनुमति देता है.
मिश्रित राजतंत्र
मिश्रित राजतंत्र उस व्यवस्था को कहते हैं, जिसमें राजा देश के लिए कुछ विशेष तरीकों से शक्तियों को विभाजित कर सकता है. शासन की यह व्यवस्था, जॉर्डन, लिकटेंस्टीन और मोरक्को में लागू है.
दुनिया के इन देशों में राजाओं का शासन
बता दें कि दुनिया में 43 देशों में राजाओं का शासन है. जिनमें अंडोरा की रियासत, आंटीगुआ और बारबुडा, ऑस्ट्रेलिया, बहामास, बारबाडोस, किंगडम ऑफ़ बहरीन, किंगडम ऑफ़ बेल्जियम, किंगडम ऑफ़ बेल्जियम, बेलीज़, किंगडम ऑफ़ भूटान, किंगडम ऑफ़ कंबोडिया, ब्रूनी दारुस्सलाम, कनाडा, किंगडम ऑफ़ डेनमार्क, किंगडम ऑफ इस्वातिनी, ग्रेनेडा, जमैका, जापान, कुवैत, जॉर्डन का राजशाही साम्राज्य, किंगडम ऑफ़ लेसोथो, लिस्टेंस्टीन की रियासत, लक्समबर्ग, मलेशिया, मोनाको की रियासत, किंगडम ऑफ़ मोरक्को, किंगडम ऑफ़, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड, किंगडम ऑफ़ नॉर्वे, ओमान की सल्तनत, पापुआ न्यू गिनी स्वतंत्र राज्य, फेडरेशन ऑफ़ सेंट किट्स और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस का राजतंत्र, सोलोमन द्वीप, किंगडम ऑफ़ सऊदी अरब, किंगडम ऑफ़ स्पेन, किंगडम ऑफ़, स्वीडन, किंगडम ऑफ़ थाईलैंड, कतर, किंगडम ऑफ़ टोंगा, तुवालु, संयुक्त अरब अमीरात, ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड का यूनाइटेड किंगडम, वेटिकन सिटी देश का नाम शामिल है.
ये भी पढ़ें: आज फर्स्ट टाइम वोटर पर होती है काफी ज्यादा बात, क्या आपको पता है आजाद भारत के पहले वोटर का नाम?