World Tsunami Awareness Day: सुनामी आने से कितनी देर पहले लग जाता है इसका पता, कितनी ऊंचाई तक उठ जाती हैं समंदर की लहरें
5 नवंबर को पूरी दुनिया में वर्ल्ड सुनामी अवेयरनेस डे के रूप में मनाया जाता है, ऐसे में चलिए जानते हैं कि सुनामी आने से पहले उसका पता कैसे चलता है और जब ये आती है तो समंदर की लहरें कितनी ऊंची उठती हैं.
World Tsunami Awareness Day: सुनामी समुद्र में अचानक आने वाली विशाल लहरें होती हैं जो तटीय क्षेत्रों में तबाही मचा सकती हैं. ये लहरें आमतौर पर समुद्र के अंदर होने वाले भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या भूस्खलन के कारण पैदाा होती हैं. विश्व सुनामी जागरूकता दिवस हर साल 5 नवंबर को मनाया जाता है ताकि लोगों को सुनामी के खतरों के बारे में जागरूक किया जा सके और उन्हें सुरक्षित रहने के तरीके सिखाए जा सकें. ऐसे में चलिए जानते हैं कि आखरि सुनामी आने से कितनी देर पहले उसका पता चल जाता है और इस दौरान समंदर की लहरें कितनी ऊंचाई पर उठ सकती हैं.
यह भी पढ़ें: दिल्ली की हवा में रहना दिनभर में कितनी सिगरेट पीने के बराबर है? हैरान रह जाएंगे आप
कितनी ऊंचाई पर उठ सकती हैं समंदर की लहरें?
सुनामी की लहरों की ऊंचाई अलग-अलग हो सकती है. खुले समुद्र में ये लहरें बहुत कम ऊंचाई की होती हैं और इन्हें देखना मुश्किल होता है, लेकिन जब ये लहरें तट के पास पहुंचती हैं तो उनकी ऊंचाई बहुत तेजी से बढ़ जाती है. कुछ मामलों में, सुनामी की लहरें 30 मीटर या उससे ज्यादा ऊंची हो सकती हैं.
यह भी पढ़ें: रेलवे ट्रैक पर सोलर पैनल बिछाने की तैयारी कर रहा यह देश, जानें इससे क्या होगा फायदा?
सुनामी आने से कितनी देर पहले चल जाता है पता?
सुनामी आने से पहले चेतावनी देने के लिए कई तरह के सिस्टम बनाए गए हैं. इन सिस्टमों में समुद्र के अंदर लगे सेंसर, भूकंप मापक यंत्र और उपग्रह शामिल होते हैं. ये सिस्टम समुद्र में होने वाले बदलावों को ट्रैक करते हैं और सुनामी आने की संभावना का पता लगाते हैं. इसके अलावा सुनामी आने से पहले समुद्र के जलस्तर में अचानक बदलाव हो सकता है और सेंसरों की मदद से इन बदलावों को मापा जाता है. वहीं उपग्रह समुद्र की सतह पर होने वाले बदलावों को ट्रैक कर सकते हैं और सुनामी की चेतावनी जारी कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: रेलवे ट्रैक पर सोलर पैनल बिछाने की तैयारी कर रहा यह देश, जानें इससे क्या होगा फायदा?