World Wide Web day 2024: आज की डिजिटल दुनिया में वर्ल्ड वाइड वेब यानी WWW  शब्द से लगभग हर कोई परिचित है. 1 अगस्त को पूरी दुनिया इस खास दिन को मनाती है. इसी दिन वर्ल्ड वाइड वेब यानी WWW का जन्म हुआ था. वर्ल्ड वाइड वेब को कम्प्यूटर वैज्ञानिक टिम बर्नर्स ली ने साल 1989 में बनाया था. इसके बाद से ही मानों इंटरनेट का पूरा रूप ही बदल गया, साथ ही इंसान की जरुरतें भी मानों पूरी तरह से बदल गईं. आज के समय में कई लोगों के लिए रोटी, कपड़ा, मकान जैसी बुनियादी जरुरतों में इंटरनेट का नाम भी जुड़ गया है. आज के समय में यदि इंसान को रोटी, कपड़ा, मकान न भी मिले तो भी उसे इंटरनेट चाहिए ही होता है. ऐसे में चलिए आज इस खास दिन इसकी अहमियत को जानते हैं.


क्या है वर्ल्ड वाइड वेब?


वर्ल्ड वाइड वेब यानी WWW होता क्या है पहले ये समझ लेते हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म या फिर कहें कि इंटरनेट पर ब्राउजर के माध्यम से आप जो भी डाटा एक्सेस करते हैं वो सभी वर्ल्ड वाइड वेब के अंदर ही आता है. कंप्यूटर की भाषा में कहें तो वर्ल्ड वाइड वेब ऑनलाइन कंटेंट या इंटरनेट कंटेंट का एक हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैंग्वेज (HTML) नेटवर्क है, जिसे हाइपर टेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल (HTTP) के जरिए एक्सेस किया जाता है.


इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब में क्या अंतर है?


कई लोग इंटरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब को एक ही चीज समझत लेते हैं. लेकिन बता दें कि वर्ल्ड वाइड वेब ऑनलाइन पेजेज का एक समूह हैं, जबकि इंटरनेट एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जिसके जरिए दुनियाभर के कंप्यूटर और डिवाइसेज आपस में जुड़े हैं. आसान भाषा में समझें तो इंटरनेट एक बड़ा प्लेटफॉर्म है और वर्ल्ड वाइड वेब इस प्लेटफॉर्म पर डाटा उपलब्ध कराता है. हालांकि दोनों एक-दूसरे के पूरक ही हैं. दोनों न हों तो इंसान आसानी से इंटरनेट का उपयोग नहीं कर सकता.


इंटरनेट की जिंदगी में कितनी अहमियत?


इंटरनेट की हमारी जिंदगी में कितनी अहमियत है आप इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि आप इसके बिना कुछ देर भी नहीं रह सकते. मान लीजिए आपके मोबाइल का रिचार्ज खत्म हो जाए तो क्या आप दो दिन भी इसके बिना काट सकते हैं? हमें हर कुछ मिनट बाद सोशल मीडिया देखने की लत लग चुकी है. वहीं कुछ सर्च करना हो या फिर एंटरटेनमेंट के लिए कोई फिल्म देखनी हो, या फिर कहें कि ऑफिशियल काम भी करना हो, तो इंटरनेट सबसे ज्यादा जरुरी होता है. हाल ही में क्राउडस्ट्राइक होने से 15 घंटे के लिए माइक्रोसॉफ्ट की सर्विसेस बंद हो गई थीं, जिसका असर कई देशों पर पड़ा था.


इस दौरान रेलवे से लेकर एयरलाइंस ने तक अपनी फ्लाइट्स और ट्रेनें कैंसल कर दी थीं. कई कंपनियों में काम रुक गया था. ट्रेडिंग जैसे काम तक नहीं हो पा रहे थे. ऐसे में आपको इंटरनेट के बिना कल्पना तक, भयभीत कर सकती है. यदि इसी तरह एक दिन के लिए इंटरनेट बंद हो गया तो पूरी दुनिया की एक-दूसरे से कनेक्टिविटी रुक जाएगी और कंपनियों में काम रुक जाएगा. वहीं आज के समय में अधिकतर सरकारी काम भी इंटरनेट पर ही निर्भर हो गए हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि फिलहाल आधी से ज्यादा दुनिया इंटरनेट के भरोसे चल रही है.


यह भी पढ़ें: CAPF, NDRF की तैनाती को लेकर क्या हैं नियम और केंद्र सरकार इन्हें कैसे देती है पैसे?