अपने देश में है दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ति, रामायण से है खास कनेक्शन
World's Biggest Bird Statue: पौराणिक कथाओं से संबंधित यह मूर्ति 200 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी और 70 फीट ऊंची है. बताया जाता है कि इस मूर्ति का संबंध रामायण काल से है.
Jatayu Nature Park: अपने देश में कई ऐसी चीजें हैं जो भारत के इतिहास और संस्कृति को प्रदर्शित करती हैं. हर कोई इन्हें देखकर बेहद गर्व महसूस करता है. ऐसी ही एक मूर्ति स्थापित है केरल के कोल्लम में बने जटायु पार्क में, इस पार्क में दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ति बनी हुई है. यह पार्क बेइंतहा खूबसूरत वादियों में बसा हुआ है. इस पार्क में सैलानियों के लिए काफी बढ़िया सुविधाएं भी हैं. खास बात यह है कि दुनिया की इस सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ति का रामायण से संबंध है.
काफी विशाल है यह मूर्ति
65 एकड़ में बना जटायु नेचर पार्क, केरल राज्य के कोल्लम जिले के चदयामंगलम गांव में है. यहां पहुंच कर आपको उबड़-खाबड़ पहाड़ों का मनोरम दृश्य देखने को मिलेगा. पौराणिक कथाओं से संबंधित यह मूर्ति 200 फीट लंबी, 150 फीट चौड़ी और 70 फीट ऊंची है. यह भारत में सबसे बड़ी मूर्तियों में भी शामिल है, साथ ही यह दुनिया की सबसे बड़ी पक्षी की मूर्ति भी है.
मूर्ति को बनाने में आई काफी मुश्किलें
राजीव आंचल एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता, मूर्तिकार और गुरुचंद्रिका बिल्डर्स एंड प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक हैं. इस नेचर पार्क की भव्य परियोजना और आकर्षक पक्षी मूर्तिकला को बनाने का दृष्टिकोण इनका ही था. इस मूर्ति को बनाने में सात साल का समय लगा. कंक्रीट से बने इस ढांचे को स्टोन फिनिशिंग देकर बनाया गया है. इसे बनाने में काफी मुश्किलें आई थी क्योंकि सभी सामग्रियों को शीर्ष पर ले जाना मुश्किल होता था. इसके अलावा, इस मूर्ति में ऑडियो-विजुअल आधारित डिजिटल म्यूजियम भी है जो रामायण के बारे में बताता है.
रामायण से है ये संबंध
माना जाता है कि रामायण में जब रावण माता सीता का हरण करके लंका जा रहा था तो उसका सामना जटायु से हुआ था. जिसके बाद उन दोनों का युद्ध हुआ. युद्ध में पौराणिक पक्षी रावण से मारे जाने के बाद चादयामंगलम की एक पर्वत चोटी पर गिरा था. सीता माता को बचाने के लिए जटायु ने रावण के साथ वीरता से युद्ध किया, लेकिन वृद्ध होने के कारण वो रावण को रोक नहीं पाए और रावण ने उनका वध कर दिया. मूर्ति एक पहाड़ी की चोटी पर उसी जगह स्थित है जहां उन्होंने भगवान राम को अपहरण के बारे में सूचित करने के बाद अंतिम सांस ली थी.
यह भी पढ़ें - क्या आपको भी मच्छर ज्यादा काटते हैं? तो जान लीजिए ऐसा क्यों होता है...