World's Highest Railway Bridge: केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक परियोजना का चेनाब पुल (Chenab Bridge) भारत को गौरवान्वित करने वाला है. यह एक स्टील आर्च ब्रिज है. चेनाब पुल दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है. सिर्फ ऊंचा होना ही इसकी खासियत नहीं है, आइये जानते हैं इस पुल की कुछ विशेषताएं...


1 सदी से ज्यादा समय तक देगा सेवा


चेनाब पुल की ऊंचाई नदी तल से 359 मीटर है. चेनाब पुल की कुल लम्बाई 1315 मीटर है, जिसमें से 530 मीटर वायाडक्ट यानी जमीन के ऊपर और शेष भाग 785 मीटर चेनाब वैली पर बना है. चेनाब पुल को 120 वर्षो के लिए डिजाइन किया गया है. इसका मतलब यह है कि पुल एक सदी से भी अधिक समय तक बड़ी आसानी से भारतीय रेलवे में सेवारत रहेगा.


भूकंप जोन 5 के हिसाब से किया गया है तैयार


चेनाब पुल को 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रेल रफ्तार के लिए डिजाइन किया गया है. चेनाब पुल का मुख्य आर्च स्पान 467 मीटर है, जो भारतीय रेल का सबसे लम्बा स्पान वाला आर्च ब्रिज होगा. हालांकि, पुला वाला क्षेत्र भूकंप के जोन IV में आता है, लेकिन यह पुल भूकंपीय क्षेत्र पांच (V) के लिए डिजाइन किया गया है. 


उच्च कोटि की इंजीनियरिंग का नमूना है पुल


चेनाब पुल का निर्माण यहां चलने वाली तीव्र गति की हवा को ध्यान में रखकर किया गया है. इसका डिजाइन 266 किलोमीटर प्रति घंटा की हवा को आसानी से झेल सकता है. चेनाब पुल पर दो ट्रैक बिछाए गए हैं. पुल को इंक्रीमेंटल लॉन्चिंग (Incremental Launching- Push/Pull method) से लॉन्च किया गया है. इस तरीके से लॉन्च करते हुए इसे एक कर्व में भी धकेला गया है. इस प्रकार का कार्य निश्चय ही उच्च कोटि की इंजीनियरिंग का नमूना है.


विश्व स्तरीय वेल्डिंग का किया गया है इस्तेमाल


चेनाब पुल में कुल मिलाकर 18 खम्बे हैं, सबसे ऊंचा कंक्रीट पिलर करीब 49.343 मीटर का है और सबसे ऊंचा स्टील पिलर करीब 130 मीटर ऊंचा है. इस ब्रिज में लगभग 27,000 टन से भी ज्यादा स्टील की खपत हुई है. DRDO की मदद से इस पुल को ब्लास्ट लोड के लिए भी डिजाइन किया गया है. ब्रिज को जोड़ने के लिए विश्व स्तरीय वेल्डिंग को उपयोग में लाया गया है.


यह भी पढ़ें - यहां AC नहीं, पानी से कर दी जाती है पूरे घर की कूलिंग! सर्दी में नहीं होती है हीटर की जरूरत!