(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सहारा नहीं, बल्कि अंटार्कटिका में है दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान! जानिए कैसे
जिस इलाके में साल भर में 25 सेंटीमीटर यानी 9.8 इंच से कम बारिश होती है, उसे रेगिस्तान की श्रेणी में गिना जाता है. इसके मुताबिक, दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान सहारा नहीं, बल्कि कोई और है.
World's Largest Desert: चारों तरफ सिर्फ रेत, बहुत ज्यादा गर्मी और दूर-दूर तक सिर्फ इक्का दुक्का वनस्पति... कुछ ऐसा सा ही होता है रेगिस्तान का नजारा. अगर पूछा जाए कि दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान कौन-सा है, तो सबका जवाब होगा 'सहारा'. यह इस सवाल का सही जवाब है ही नहीं. इस सवाल का जवाब देने से पहले इस सवाल का जवाब पता होना जरूरी है कि आखिर रेगिस्तान कहते किसे हैं? क्या सिर्फ रेत से बनने वाली जगह को ही रेगिस्तान कहा जाता है? नहीं, ऐसा नहीं है. असल में रेगिस्तान की सही वैज्ञानिक परिभाषा कुछ और है. आइए जानते हैं इस सामान्य से रोचक सवाल का जवाब...
रेगिस्तान कहते किसे हैं?
दरअसल, रेगिस्तान किसी भी रूप में हो सकता है. यानी रेगिस्तान में रेत से लेकर बर्फ तक भी हो सकती है. वैसे रेगिस्तान की परिभाषा यह है कि जिस इलाके में साल भर में 25 सेंटीमीटर यानी 9.8 इंच से कम बारिश होती है, उसे रेगिस्तान की श्रेणी में गिना जाता है. ये बात वैज्ञानिक कहते हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फ्रांस की यूनिवर्सिटी ऑफ ग्रेनोबल में मौसम विज्ञानी और क्लाइमेटोलॉजिस्ट जोनाथन विली भी इस परिभाषा का समर्थन करते हैं.
दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान
अब अगर रेगिस्तान की परिभाषा के हिसाब से देखें, तो धरती का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान सहारा है. लेकिन सबसे बड़ा ठंडा रेगिस्तान अंटार्कटिका है. इन दोनों ही जगहों पर साल भर में औसतन 9.8 इंच से कम बारिश होती है. इस तरह अगर सवाल सिर्फ यह हो कि दुनिया का सबसे बड़ा गर्म रेगिस्तान कौन-सा है, तो जवाब होगा सहारा. लेकिन, अगर पूछा जाए कि दुनिया का सबसे बड़ा रेगिस्तान कौन-सा है, तो इस सवाल का सही जवाब अंटार्कटिका होगा.
कुछ इलाकों में करोड़ों साल से नहीं हुई बारिश
अंटार्कटिका के कुछ इलाकों में तो 1.40 करोड़ सालों से बारिश की एक बूंद तक भी नहीं गिरी है. जोनाथन विली के मुताबिक, अंटार्कटिका मैक्मुर्डो ड्राई वैली ऐसा ही एक इलाका है. जहां करोड़ों सालों से वर्षा नहीं हुई है और यह इलाका बेहद ठंडा है. यहां माइक्रोब्स, मोसेस और लाइकेन्स पाए जाते हैं, जो इस ठंड को बर्दाश्त कर पाते हैं.
भारत में भी है एक ऐसा रेगिस्तान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लद्दाख में हर साल औसतन 25 दिन ही बारिश होती है. जिसमें मात्र लगभग 9 mm बारिश ही गिरती है. इतनी कम बारिश होने के कारण, लद्दाख रेगिस्तान के क्राइटेरिया को फुलफिल करता है, यानी यह रेगिस्तान की श्रेणी में आता है. इसे भारत का ठंडा रेगिस्तान भी कहा जाता है.
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