वैज्ञानिकों ने बनाया दुनिया का सबसे हल्का पेंट, एक डिब्बे में तो पूरा फ्लैट हो तैयार हो जाएगा
वैज्ञानिकों ने बताया कि इस पेंट को तितली के पंखों पर मौजूद रंगों से प्रेरित होकर तैयार किया गया है. यह खास पेंट आम पेंट की तुलना में 13 से 16 डिग्री सेल्सियस ज्यादा ठंडा रहता है.
World's Lightest Paint: एक छोटे से घर को भी पेंट करने में कई लीटर पेंट लग जाता है और काफी खर्चा हो जाता है. लेकिन, वैज्ञानिकों ने एक बहुत हल्का पेंट तैयार किया है. जहां एक बोइंग 747 विमान को पेंट करने के लिए लगभग 454 किलोग्राम पेंट लगता है, वहीं, इसके सिर्फ 1.36 किलोग्राम पेंट से ही पूरा विमान पेंट किया जा सकता है. इसको बनाने वाले वैज्ञानिकों का दावा है कि यह कई सदियों तक टिका रह सकता है और ऊर्जा की बचत करने में भी मददगार होगा.
तितलियों से मिली प्रेरणा
वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने यह पेंट तितली के पंखों के रंगों से प्रेरित होकर तैयार किया है और रंगों की जगह इस खास पेंट में पिगमेंट का इस्तेमाल किया गया है. इसे बनाने वाले वैज्ञानिकों ने इसे प्लासमोनिक पेंट (Plasmonic Paint) नाम दिया है. क्योंकि, पेंट अभी सिर्फ लैब में तैयार किया गया है और इसको बड़े पैमाने पर बनाने में समय लग सकता है.
आम पेंट से कम रहता है इस पेंट का तापमान
यह पेंट सभी तरह के इंफ्रारेड स्पेक्ट्रम को परावर्तित कर देता है. इससे कम ग्रीनहाउस गैसें उत्सर्जित होंगी. यह आम पेंट की तुलना में 13 से 16 डिग्री सेल्सियस ज्यादा ठंडा रहता है. वैज्ञानिकों ने इसे कई रंगों में तैयार किया है. अब वो इसके ज्यादा उत्पादन तकनीक पर जोर डाल रहे हैं.
भविष्य में ऊर्जा बचाने का काम करेगा
यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल फ्लोरिडा के नैनोसाइंटिस्ट देबाशीष चंदा ने इस पेंट को बनाया है. उनका कहना है कि अमेरिका की कुल बिजली खपत का 10 प्रतिशत एयरकंडिशनर में खर्च होता है. अगर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस को इस पेंट से पेंट किया जाएगा, तो बहुत ज्यादा मात्रा में ऊर्जा की बचत हो सकेगी.
पेंट की मोटाई मात्र 150 नैनोमीटर्स
अभी कॉमर्शियल पेंट में इस्तेमाल होने वाला पिगमेंट आर्टिफिशियली सिंथेसाइज करके बनाया जाता है. लेकिन इस पेंट में पिगमेंट के हर कण की इलेक्ट्रॉनिक प्रॉपर्टी होती है. जिससे यह तय होता है कि वह कितनी गर्मी और प्रकाश सोखेगा. इन्ही कणों की वजह से प्लासमोनिक पेंट का वजन काफी ज्यादा हल्का है. इसकी मोटाई सिर्फ 150 नैनोमीटर्स है और इतनी मोटाई में ही यह पेंट अपना पूरा रंग दे देता है. इसलिए यह दुनिया का सबसे हल्का पेंट है.
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