(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
यहां मिलता है दुनिया का सबसे शुद्ध शहद, पूरी प्रोसेस में नहीं इस्तेमाल किया जाता कोई भी केमिकल
एक ओर जहां दुनिया की दूसरी मधुमक्खियां 1 साल में 20 किलो तक ही शहद पैदा कर पाती हैं, वहीं, दुनिया में एक ऐसी जगह भी है, जहां की मधुमक्खियां 90 से 120 किलो तक शहद की पैदावार कर लेती हैं.
Pure Honey: शहद काफी गुणकारी होता है, इसका इस्तेमाल घरों में अलग-अलग तरह से किया जाता है. खाने पीने की चीजों से लेकर इसका इस्तेमाल कई रोगों की दवाई के रूप में भी किया जाता है. जुकाम खांसी में भी लोग इसका इस्तेमाल कर लेते हैं. मार्केट में शहद बेचने वाली तमाम कंपनियां हैं. सभी इस बात का दावा करती है कि उनका शहद सबसे शुद्ध है. लेकिन, सवाल यह है कि आखिर सच क्या है? दुनिया में सबसे शुद्ध शहद कहां मिलता है? हम आपको बताते हैं कि दुनिया का सबसे शुद्ध शहद कहां मिलता है.
ऑडिटी सेंट्रल न्यूज वेबसाइट की एक रिपोर्ट कहती है कि प्रशांत महासागर के दक्षिण पूर्व की तरफ ईस्टर्न आइलैंड (Eastern Island, Chile) है. यहां पर मौजूद मधुमक्खियां दुनिया का सबसे शुद्ध शहद तैयार करती हैं. जिसे रैपानुई शहद (Rapanui honey) कहते हैं. दरअसल, इसकी वजह ये है कि यहां पर मधुमक्खी पालन करने वाले किसान इनके लिए किसी भी तरह के पेस्टिसाइड या खतरनाक केमिकल का इस्तेमाल नहीं करते हैं.
यहां की मधुमक्खियों की क्षमता है अधिक
ईस्टर्न आइलैंड की मधुमक्खियां भी दुनिया की बाकी जगहों की मधुमक्खियों से ज्यादा स्वस्थ हैं, यहां मधुमक्खियों के लिए साफ पानी का जरिया है और उन्हें किसी तरह की बीमारी भी नहीं है. यही सब कारण हैं कि उनकी पैदावार भी दूसरी मधुमक्खियों से अधिक है. एक ओर जहां दुनिया की दूसरी मधुमक्खियां 1 साल में 20 किलो तक ही शहद पैदा कर पाती हैं, वहीं, यहां की मधुमक्खियां 90 से 120 किलो तक शहद की पैदावार कर लेती हैं.
क्यों है इतना शुद्ध?
दरअसल, आजकल शहद बनाने के प्रोसेस में कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाने लगा है. जिससे मधुमक्खियों पर भी उनका प्रभाव पड़ता है. ईस्टर्न आइलैंड में मौजूद किसान इस बात को जानते हैं कि आने वाले समय में उनके यहां की मधुमक्खियां ही जलवायु परिवर्तन, खतरनाक केमिकल और पेस्टीसाइड से बच पाएंगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मधुमक्खी पालन से जुड़े टापू के सभी किसानों ने सरकार को किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल कर शहद की पैदावार करने से इंकार कर रखा है. शायद यही सब कारण हैं, जिस वजह से यहां पैदा होने वाले शहद को सबसे शुद्ध माना जाता है.
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