आप भी गलत तरीके से पीते हैं व्हिस्की, सोडा, पानी और कोल्ड ड्रिंक वाले जरूर पढ़ें
व्हिस्की एक ऐसी शराब है जिसे पीने के लिए समय देना पड़ता है. यानी अगर आपने एक 30 एमएल का पैग बनाया है और उसे नीट पी रहे हैं, तो उसे खत्म करने के लिए कम से कम 30 मिनट का समय लें.
शराब कई तरह के आते हैं. व्हिस्की, रम, वोडका, टकीला और ना जाने क्या क्या. पीने वाले भी लाखों करोड़ों में हैं. लेकिन क्या सभी को सही तरह से शराब पीना आता है. शायद नहीं. 90 फीसदी से ज्यादा शराब पीने वाले लोगों को नहीं पता होता कि वो जो शराब पी रहे हैं उसे कैसे पिया जाता है. यानी उससे पीने का सही तरीका क्या है. आपने देखा होगा भारत में शराब पीने वाले ज्यादातर लोग उसमें कोल्ड ड्रिंक, पानी और सोडा मिला कर पीते हैं. लेकिन क्या ये सही है. खासतौर से जब हम बात व्हिस्की की कर रहे हों.
व्हिस्की पीने का सही तरीका क्या है?
भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली शराब में व्हिस्की टॉप पर है. लेकिन उसे पीने का सही तरीका शायद कुछ फीसदी लोगों को ही पता होगा. दरअसल, एक्सपर्ट्स का कहना है कि व्हिस्की को कभी भी कोल्ड ड्रिंक, सोडा या फिर पानी के साथ नहीं पीना चाहिए. इसे हमेशा नीट पीना चाहिए. अब आप सोच रहे होंगे कि नीट पीएंगे तो यह शरीर को नुकसान पहुंचाएगी. नहीं, अगर आप सही तरीके से पिएंगे तो यह शरीर को सिर्फ उतना ही नुकसान पहुंचाएगी, जितना कि पानी या फिर कोल्ड ड्रिंक के सार पीने पर पहुंचाती है.
अब आते हैं पीने के सही तरीके पर. दरअसल, व्हिस्की एक ऐसी शराब है जिसे पीने के लिए समय देना पड़ता है. यानी अगर आपने एक 30 एमएल का पैग बनाया है और उसे नीट पी रहे हैं, तो उसे खत्म करने के लिए कम से कम 30 मिनट का समय लें. यानी इस पैग को आप चुस्की लेकर पीना है, जैसे आप गरम गरम चाय पीते हैं. तो आज के बाद जब भी कभी आप व्हिस्की पिएं, तो उसे नीट पिएं, लेकिन तरीके के साथ पियें.
शराब में कोल्ड ड्रिंक क्यों नहीं मिलानी चाहिए?
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि अगर आप शराब में कोल्ड ड्रिंक मिला कर पीते हैं तो इससे आपको नशा तुरंत चढ़ जाता है. हालांकि, यह आपकी सेहत के लिए हानिकारक होता है. दरअसल, जब आप शराब और कोल्ड ड्रिंक को एक साथ पीते हैं तो इससे आपके शरीर में पानी की कमी हो जाती है. और दूसरी बात ये कि शराब में कोल्ड ड्रिंक मिलाने से शराब की मात्रा का अंदाजा नहीं होता और इसकी वजह से आप शराब और ज्यादा पी लेते हैं. कई बार तो इसकी वजह से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है.