Yuzvendra Chahal and Dhanashree Divorce: धनश्री को 60 करोड़ की एलिमनी देंगे यजुवेंद्र चहल! क्या तलाक की रकम पर भी लगता है टैक्स
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि धनश्री से तलाक के बीच एलिमनी की रकम भी तय हो गई है. यजुवेंद्र चहल धनश्री को 60 करोड़ रुपये एलिमनी देंगे. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है.

Yuzvendra Chahal and Dhanashree Divorce: भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार स्पिनर यजुवेंद्र चहल और धनश्री के बीच आखिरकार तलाक हो गया है. खबर है कि फैमिली कोर्ट में तलाक को लेकर चल ही जरूरी कार्रवाई पूरी हो गई है. बता दें, यजुवेंद्र चहल और धनश्री के बीच तलाक की खबरें काफी लंबे समय से चल रही थीं. इस बीच दोनों ने एक-दूसरे को इंस्टाग्राम पर भी अनफॉलो कर दिया था. अब रिपोर्ट्स में सामने आया है कि दोनों पूरी तरह अलग हो गए हैं.
रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि धनश्री से तलाक के बीच एलिमनी की रकम भी तय हो गई है. यजुवेंद्र चहल धनश्री को 60 करोड़ रुपये एलिमनी देंगे. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है. ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या तलाक की रकम यानी एलिमनी भी टैक्स के दायरे में आती है? इस पर कितना टैक्स लगता है और इसका प्रावधान क्या है?
एलिमनी पर भी लग सकता है टैक्स
भारतीय आयकर अधिनियम के तहत, पति-पत्नी के बीच तलाक के बाद पत्नी को मिलने वाली एलिमनी को टैक्सेबल इनकम नहीं माना जाता है. हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में एलिमनी पर भी टैक्स लग सकता है. हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट में एलिनमी पर टैक्सेशन को लेकर नियम स्पष्ट नहीं किए गए हैं. एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सुझाव दिया था कि एलिमनी पर भी स्पष्ट नियम बनाए जाने चाहिए.
एकमुश्त राशि पर टैक्स नहीं
अगर एलिमनी में तय राशि एकमुश्त के तौर पर दी जाती है, तो इस रकम को टैक्स फ्री माना जाता है. इस तरह की रकम को कैपिटल रिसीट माना जाता है, यानी इसे इनकम नहीं माना जा सकता है. एक मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया था कि एकमुश्त मिलने वाली एलिमनी इनकम नहीं, बल्कि कैपिटल एसेट है.
रेकरिंग पेमेंट पर लग सकता है टैक्स
पति-पत्नी के बीच तलाक होने के बाद नियमित अंतराल (हर महीने या सालाना) पर मिलने वाली राशि को कैपिटल एसेट नहीं माना जाता है, बल्कि इसे आय के रूप में गिना जाता है. इस पर टैक्स लग सकता है. दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में फैसला दिया था कि अगर तलाक के बाद एलिमनी मासिक या फिर वार्षिक मिलती है, तो इसे 'Income of Other Sources' माना जाएगा और इस पर टैक्स देना पड़ेगा.
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