Health Tips: खुद को स्वस्थ रखने और बीमारियों से बचने के लिए जिस तरह आप अपने आस पास की गंदगी को साफ़ कर देते हैं ठीक उसी तरह ज़रूरी है शरीर की गंदगी को साफ़ करना यानी कि एक सुदृढ़, स्वस्थ और सुंदर शरीर के लिए उसमें मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना. आमतौर पर जब बात बॉडी डिटॉक्स करने की आती है तो इसका मतलब होता है खून की गंदगी को साफ करना. खून आपके शरीर में हर समय दौड़ता है और हर अंग के प्रत्येक सेल तक जाता है. ऐसे में खून में गंदगी, खून के ज़रिये आपके सभी अंगों तक पहुँचती है. इसलिए खून को फिल्टर करना या डिटॉक्स करना बहुत ज़रूरी है. शरीर में अंदरूनी तौर पर खून को डिटॉक्स करने के लिए दो विशेष अंग होते हैं, किडनी और लिवर. लेकिन फिर भी बहुत सारे तत्व आपके शरीर के अलग-अलग अंगों जैसे- किडनी, आंत, फेफड़े, लिम्फ, स्किन आदि में जमा हो जाते हैं. इन्हीं जमा तत्वों को बाहर निकालने की क्रिया डिटॉक्सिफिकेशन कहलाती है.
1. बॉडी डिटॉक्स करना क्यों ज़रूरी?
हर व्यक्ति को साल में 1 बार अपने शरीर को ज़रूर डिटॉक्स करना चाहिए. क्योंकि आपके शरीर के अलग-अलग अंगों में टॉक्सिन्स जमा होने पर शरीर आपको बीमारियों के रूप में संकेत देता है. जैसे कि-
- बिना किसी वजह थकान रहना
- त्वचा में खुजली या दाने होना
- स्किन में कई तरह की एलर्जी होना
- हल्के लक्षणों वाले इंफेक्शन का होना
- आंखों के नीचे भारी सूजन
- कब्ज़ की समस्या होना
- अपच की दिक्कत
- पेट में दर्द रहना
- अचानक से वज़न घटना
- पीरियड्स में परेशानी आना
- दिमाग का संतुलित रहकर काम न कर पाना
2. बॉडी डिटॉक्स करने के तरीके
अगर आप अपनी बॉडी डिटॉक्स करना चाहते हैं तो इस उपायों को ज़रूर अपनाएं-
- उपवास के द्वारा शरीर के अंगों को थोड़ा आराम दें
- फिर लिवर को स्टिमुलेट कर गंदगी को बाहर निकालना
- आंतों, किडनी और त्वचा में जमा गंदगी को निकालने के लिए विशेष तरीके अपनाना
- ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाने के लिए योगा और व्यायाम करना
- दोबारा शरीर को हेल्दी न्यूट्रिएंट्स से भरना
3. कुछ अन्य कारगर उपाय
- हर दिन 2.5 से 3 लीटर पानी पीना
- खाने में नमक, चीनी, मैदा और तेल का कम से कम इस्तेमाल
- जंक फूड्स और फास्ट फूड्स का कभी-कभार सेवन
- ज़्यादा से ज़्यादा नैचुरल फूड्स और कच्चे फल व सब्जियों का सेवन
- सिगरेट और शराब की लत को पूरी तरह छोड़ देना
- केमिकल बेस्ड प्रोडक्ट्स जैसे- शैंपू, क्लींजर, टूथपेस्ट, साबुन, डियो, क्रीम्स आदि के इस्तेमाल की जगह नैचुरल चीजों का इस्तेमाल करना
- तनाव के कारणों को पहचानकर उन्हें कम करना
- रोज़ एक्सरसाइज़ के द्वारा ज़्यादा से ज़्यादा पसीना निकालना