दुनिया में जब कोरोना संकट ने दस्तक दी है तब से स्वास्थ्य विशेषज्ञ जो हिदायतें दे रहे हैं उनमें प्रमुख है हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल. मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर को कोरोना से बचने के लिए बहुत जरूरी माना गया है. कोरोना संकट के बाद सैनिटाइजर का इस्तेमाल बहुत बढ़ गया है. लॉकडाउन के बाद तो इसकी मांग इतनी ज्यादा बढ़ी थी कि बाजार में इसकी कमी देखी गई थी.


हालांकि सैनिटाइजर को इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतने की जरुरत है.  पीटीआई की खबर के मुताबिक नासिक जिल में 30 अगस्त को अनिल सूचक नाम के एक व्यक्ति के साथ गंभीर हादसा हुआ, जिससे वह करीब 68 फीसदी तक जल गया. सूचक को ज़िला अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 1 सितंबर को उसकी मौत हो गई.


पुलिस अधिकारियों के हवाले से खबर में कहा गया कि सूचक के साथ आग लगने का हादसा उस वक्त हुआ, जब वह सैनिटाइज़र बोतल में भर रहा था और गैस चूल्हे की लौ के संपर्क में सैनिटाइज़र आ गया.


सैनिटाइज़र में अल्कोहल की मात्रा काफी होती है जिससे आग लगने की संभावना हो सकती है. सैनिटाइजर के इस्तेमाल के वक्त सावधानी बरतना ज़रूरी है कि आप जब इसे किसी बोतल में भरें या किसी चीज़ पर छिड़कें, तो गैस चूल्हे, दीपक, मोमबत्ती, सिगरेट या जलती तीली जैसी किसी भी लौ या चिंगारी से दूर रहें.


यह भी याद रखें कि हाथों पर जैसे ही सैनिटाइज़र मला जाता है, उसका अल्कोहल हवा में उड़ जाता है और हाथ सूखने पर हाथों के आग पकड़ने का कोई खतरा नहीं रहता. डॉक्टर्स समय-समय पर सैनिटाइजर से हाथ धोने की सलाह देते हैं और ऐसा करना भी चाहिए.हालांकि थोड़ी सावधानी बरतने की जरुरत है.


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