Health Insurance: दुर्घटना या बीमारी पर इंसान का कंट्रोल नहीं, लेकिन हेल्थ इंश्योरेंश फायदेमंद हो सकता है, जानिए कैसे
किसी सड़क दुर्घटना या अन्य किसी गंभीर बीमारी को रोकने का तो कोई उपाय नहीं है. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस होने से हमारी लड़ाई कई मायनों में आसान हो जाती है. जानिए इसके फायदे...
आमतौर पर जब हम अस्पताल के बिस्तर पर होते हैं तो बिल का मीटर भी तेजी से बढ़ रहा होता है. यह स्थिति किसी मध्यमवर्गीय परिवार के सदस्य की होती है तो कम से कम एक सदस्य बाहर रुपये इकठ्ठे करने के लिए बिफर रहा होता है. ऐसे हालात कभी भी किसी के साथ पैदा हो सकते हैं. ऐसा किसी सड़क दुर्घटना या अन्य किसी गंभीर बीमारी के चलते हो सकता है. इन परिस्थितियों को रोकने का तो कोई उपाय नहीं है. लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस होने से हमारी लड़ाई कई मायनों में आसान हो जाती है.
क्यों है हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी आवश्यकता? केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े कहते हैं कि मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में 80 फीसदी मामले पैसे के अभाव में अधिक बिगड़ जाते हैं. देखा गया है कि किसी घर के अकेले कमाने वाले सदस्य की किसी दुर्घटना की स्थिति में यह हालत अधिक गंभीर होती है. इसमें इलाज पर एक बड़ी रकम खर्च हो जाती है और उस शख्स की कमाने की क्षमता भी कम हो जाती है.आपकी कमाने की क्षमता भी घट जाती है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस कई तरह से मददगार साबित होता है.
इलाज शुरू होने से पहले और बाद का भी होता है भुगतान हेल्थ इंश्योरेंस होने पर है इलाज के दौरान पैसों की फिक्र नहीं करनी होती है. इंश्योरेंस कंपनियां अलग-अलग हॉस्पिटलों के साथ टाई-अप होता है. आपको हॉस्पिटल जाकर अपने इंश्योरेंस की जानकारी देनी होती है और आप अपना इलाज करा सकते हैं. इंश्योरेंस पॉलिसी की सबसे खास बात होती है आपके हॉस्पिटल में भर्ती होने के पहले यानी एंबुलेंस सेवा से लेकर हॉस्पिटल से छुट्टी होने के 60 दिन बाद की अवधि तक का खर्च वहन किया जाता है.
फ्री मेडिकल चेकअप की सुविधा कई इंश्योरेंस कंपनियां अपनी हेल्थ पॉलिसीज में हेल्थ चेकअप का विकल्प भी देती हैं. यह हेल्थ चेकअप फ्री ऑफ कास्ट होता है. यदि आप समय-समय पर हेल्थ चेकअप करा रहे हैं तो कई गंभीर बीमारियों के खतरे भी टाले जा सकते हैं.
टैक्स में निलती है छूट हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम के भुगतान में टैक्स चुकाने में छूट मिलती है. ऐसा आयकर भुगतान अधिनियम के सेक्शन 80डी के तहत होता है। यदि आपने अपने बीमा में कोई क्लेम नहीं लिया है तो इसके लिए आपको बोमस पॉइंट मिलते हैं. इन दोनों ही विषयों की अधिक जानकारी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी से संपर्क किया जा सकता है.
कई तरह के होते हैं हेल्थ इंश्योरेंस हेल्थ इंश्योरेंस कई तरह के होते हैं. जैसे, व्यक्तिगत स्वास्थ्य बीमा, परिवार स्वास्थ्य बीमा और सीनियर सिटिजन स्वास्थ्य बीमा. सभी पॉलिसीज इस पॉलिसी में अलग-अलग तरह के लाभ हैं. इन सभी पॉलिसीज का चुनाव करने से पहले हमें अपने परिवार की संख्या और अपनी उम्र ध्यान में रखनी चाहिए. क्योंकि, इनकी प्रीमियम भी उसी अनुसार बनती है.
सर्जरी और निजी दुर्घटना के लिए भी करवा सकते हैं बीमा यदि आप किसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहे हैं तो आपको उपचार को सरल और सस्ता बनाने के लिए हेल्थ इंश्योरेंस काम आता है. लेकिन इन बीमारियें का खर्च अधिक महंगा होने के चलते इसकी प्रीमियम भी अन्य पॉलिसीज के मुकाबले महंगी होती हैं. आपकी दुर्घटना बीमा की प्रीमीयम भी आपके ऊपर ही निर्भर करती है.
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