छत्तीसगढ़ के बीहण नक्सल मोर्चे पर तैनात केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) 212 बाटालियन के 21 जवान एक साथ मलेरिया की चपेट में आ गए हैं. जिन जवानों को मलेरिया ने अपनी चपेट में लिया है, वे सभी सुकमा के अंदरूनी इलाकों में तैनात हैं और इन सबका इलाज पिछले दो दिनों से वहां चल रहा था.

जवानों की तबीयत बिगड़ने के बाद इन्हें एक साथ रविवार की देर शाम मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए लाया गया. यहां लाने के बाद मेकाज प्रबंधन ने जवानों के लिए एक बंद पड़े वार्ड को तुरंत खुलवा दिया है और सभी जवानों को एक साथ यहीं भर्ती किया गया है.

दक्षिण बस्तर में नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों के लिए मलेरिया शुरू से ही बड़ी चुनौती बना हुआ है. खास तौर पर बाहर से आए जवान इसकी चपेट में ज्यादा आ रहे हैं.

पूर्व में भी जिला बल की अपेक्षा केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान ही ज्यादातर मलेरिया की चपेट में आकर गंभीर स्थिति तक पहुंच चुके हैं. इलाके में अब तक आधा दर्जन से ज्यादा जवानों की मौत मलेरिया की चपेट में आकर हो चुकी है. ऐसे में जवानों को मलेरिया होने के तुरंत बाद ही हेलीकॉप्टर या अन्य साधनों से बेहतर उपचार के लिए जगदलपुर और रायपुर पहुंचाया जाता है.

मेकाज के डाक्टरों के अनुसार, सभी जवानों की स्थिति अभी सामान्य है लेकिन बुखार और मलेरिया की शिकायत के बाद इन्हें वार्ड में भर्ती किया जा रहा है यहां इनकी पूरी जांच की जाएगी.