ऑस्ट्रेलिया-अमेरिकी द्वारा किए गए एक शोध से पता चला है कि ओमेगा 3 अनुपूरक अवसाद ग्रस्त मरीजों की चिकित्सा में प्रभावकारी सिद्ध हो सकता है. मछली के तेल के कैप्सूल ओमेगा 3 सबसे सामान्य अनुपूरकों में से है.


इस शोध के लिए ऑस्ट्रेलिया की मेलबर्न युनिवर्सिटी और अमेरिका की हॉवर्ड युनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने 55 सालों में हुए 40 अंतर्राष्ट्रीय परीक्षणों के निष्कर्षो का आकलन किया था.

उन्होंने पाया कि ओमेगा 3, विटामिन डी और सिंथेटिक यौगिक एस-एडीनोसिलमेडियोनीन (एसएएमई) का प्रयोग सभी नैदानिक अवसाद के इलाज को बढ़ावा देने में किया जा सकता है. यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हैं, जिन्हें परंपरागत अवसादरोधी चिकित्सा से लाभ नहीं मिल रहा है.

अध्ययन के मुख्य शोधार्थी जीरोम सैरिस ने बताया, "हमारे शोध में सबसे मजबूत निष्कर्ष ओमेगा 3 मछली के तेल का अवसादरोधी दवाओं के साथ संयोजन रहा है."

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, विश्व के लगभग 35 करोड़ लोग अवसाद से होने वाली मानसिक विकलांगता के शिकार हैं. वहीं ऑस्ट्रेलिया में यह आंकड़ा 10 लाख के करीब है.

यह शोध अमेरिकी पत्रिका 'साइक्रियाट्री' में प्रकाशित हुआ है.