शोध प्रमुख प्रोफेसर एलन काउमैन ने एक बयान जारी कर बताया कि मलेरिया परजीवी मनुष्ट के लाल रक्त कोशिकाओं के अंदर प्रवेश नहीं कर पाता है, अगर प्रमुख प्रोटीनों को नष्ट कर दिया जाए.
काउमैन ने कहा, "हमारे शोध के निष्कर्षो ने इन प्रोटीनों की कार्यप्रणाली और उनके टीके के रूप में विकसित करने की जानकारी मिली है."
"मलेरिया के टीके का विकास करना वैश्विक अनुंसधान की प्राथमिकता है."
गौरतलब है कि दुनिया की लगभग आधी आबादी को मलेरिया होने का खतरा है और हर साल लगभग 20 करोड़ लोग इससे प्रभावित होते हैं.
शोधकर्ताओं ने यह भी बताया कि वर्तमान में उपलब्ध मलेरियारोधी दवाइयां दिन ब दिन कम प्रभावी होती जा रही है, क्योंकि मलेरिया के परजीवी ने इन दवाइयों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर ली है.
इस रोग से हर साल 4,50,000 लोग मारे जाते हैं, जिनमें ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं.