... इसलिए डेंगू और चिकनगुनिया में पीते हैं नारियल पानी और काढ़ा!
मेथी के पत्ते - मेथी के पत्ते डेंगू वायरस खत्म करने में बेहद मददगार होते हैं. इससे शरीर में मौजूद सभी विषैले पदार्थ भी बाहर निकल जाते हैं. मेथी के पत्तों को उबालकर हबर्ल चाय की तरह इसका सेवन करें. आप चाहे तो मेथी के पाउडर को पानी के साथ ले सकते हैं.
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View In Appएलोवीरा - डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए या फिर चिकनगुनिया के दौरान शरीर की कमजोरी भरने के लिए एलोवीरा का जूस पीना चाहिए इससे शरीर में एमीनो एसिड की कमी दूर होगी.
ज्वारे या गेहूं की घास का रस- गेहूं घास रस नया खून बनाने और मरीज को डेंगू से लड़ने की ताकत देता है. यदि गेहूं घास रस या गेहूं के ज्वारे का रस ना मिले तो सेब का रस भी दे सकते हैं.
पपीते के पत्तों का रस - डेंगू से जल्दी उबरने के लिए पपीते के पत्तों का रस निकालें और दिन में एक चम्मच पीएं. इससे भी प्लेटलेट्स काउंट बढ़ते हैं.
तुलसी और बेल का काढ़ा- यदि आप 15 काली मिर्च, 15 पत्तियां बेल पत्र और 30 तुलसी के पत्ते 2 से 3 लीटर पानी में मिलाकर 15 मिनट तक उबालकर इस पानी को दिनभर पीएंगे तो वायरल से बचेंगे. यदि चिकनगुनिया या डेंगू हो भी गया हो तो इससे जल्दीन उबरने में ये काढ़ा फायदंमेद है.
नीम के तेल - डेंगू और चिकनगुनिया वायरल से बचने के लिए पहले तो हमें नीम के तेल का प्रयोग करना चाहिए. यदि नीम का तेल त्वचा पर लगाएं तो डेंगू का मच्छर हमें काटेगा ही नहीं.
हल्दी- एंटीबायोटिक हल्दी का सेवन आप किसी भी रूप में कर सकते हैं. चाहे तो इसको गर्म दूध में भी मिलाकर पी सकते हैं. इससे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है.
अनार का जूस - खून की कमी की पूर्ति करने और प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए अनार का जूस बेहद फायदेमंद है. डेंगू और चिकनगुनिया से पीड़ित व्यक्ति को रोजाना अनार का जूस देने से वायरल फीवर से लड़ने में मदद मिलती है.
तुलसी की चाय - डेंगू और चिकनगुनिया के मरीज को तुलसी की चाय देनी चाहिए. इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा. 10-12 तुलसी के पत्तें के साथ 4-5 काली मिर्च को पानी में उबालकर भी डेंगू के रोगी को दे सकते हैं. तुलसी को पानी में उबालकर उसी पानी में शहद मिलाकर पीने फायदेमंद होता है.
गिलोय - गिलोय बेल की डंडी को दो गिलास में उबालकर काढ़ा बनाकर पीने से बल्ड प्लेटलेट्स जल्दी बढ़ने शुरू हो जाते हैं. यदि गिलोय के पत्तेा या डंडी ना मिले तो गिलोय घनवटी की गोली दिन में दो-तीन बार लेनी चाहिए. चिकनगुनिया के दौरान भी गिलोय का पानी पीने से शरीर का ऊर्जा मिलती है.
एक्नीसिया - एक्नीसिया ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिससे इम्युनिटी इतनी बढ़ती है कि शरीर को डेंगू का बुखार लगता नहीं है.
इसके अलावा डेंगू और चिकनगुनिया का इलाज करने के लिए धनिया पत्ती, आंवला, चिरायता, धतूरा का भी इस्तेलमाल किया जाता है.
डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप हर जगह है ऐसे में हर कोई डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के नए-नए फंडे खोज रहा है. क्या आपने डेंगू और चिकनगुनिया से बचने के लिए ये आयुर्वेदिक फंडे अपनाए. जी हां आज हम आपको कुछ ऐसी आयुर्वेदिक औषधियों के बारे में बता रहे हैं जो ना सिर्फ डेंगू और चिकनगुनिया बुखार से बचा सकती हैं बल्कि इनका इलाज भी कर सकती हैं.
नारियल पानी - शरीर में जरूरी पोषक तत्वों और खनिज की पूर्ति के साथ ही प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए नारियल पानी पीना चाहिए. हाइड्रेशन के लिए डाब यानी नारियल पानी बेहद फायदेमंद हैं क्योंकि इसमें इलेक्ट्रॉलाइट्स भी होते हैं. शुगर भी होती है और पानी भी होता है. नारियल पानी दिन में तीन या चार बार पी सकते हैं. नारियल पानी को चिकनगुनिया और डेंगू दोनों में ही पिया जा सकता है.
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