इस शोध में पाया गया कि इन चबाने वाले तंबाकू उत्पादों में बेसिलस लिचनीफरेमिस और बेसिलस प्यूमिलस नाम के बैक्टीरिया की प्रजाति पाई जाती है जो कि फेफड़ों के सूजन के साथ इसी तरह के अन्य संक्रमण का कारण है.
अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के नेशनल सेंटर फॉर टॉक्सीलॉजिकल रिसर्च के रिसर्च माइक्रोबायलॉजिस्ट स्टीवन फोले का कहना है, "इनमें पाई जानेवाली बैक्टीरिया की कुछ प्रजातियों की दस्त और उल्टी से संबंधित प्रकोप में एजेंट के रूप में पहचान की गई है. इसके अलावा ये एक धीमा जहर छोड़ते हैं जो बीमारी पैदा करता है."
फोले आगे बताते हैं, "इनमें पाई जाने वाली बैक्टीरिया कैंसर का कारक है."
शोधकर्ताओं ने बताया, "तंबाकू से निकोटीन को खून में पहुंचाने के लिए इसका सेवन करनेवाले इसे देर तक चबाते रहते हैं. इससे वे देर तक इसमें पाई जानेवाली बैक्टीरिया के संपर्क में रहते हैं, जिसके कारण कैंसर समेत विभिन्न रोगों का खतरा बढ़ जाता है."
इससे पहले के शोध में पता चला है कि तंबाकू उत्पाद चबाने से फेफड़ों के वॉल्व में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है.
यह शोध एप्लाइड एंड एनवायरोनमेंटल माइक्रोबॉयोलाजी जर्नल में प्रकाशित किया गया है.