कनाडा के मैक गिल युनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर व प्रमुख शोधकर्ता अरेजू जहानी-असल ने कहा, "सबसे बड़ी बात है कि इस तरह के ट्यूमर से ग्रस्त मरीज बमुश्किल 16 महीने से अधिक नहीं जी पाते हैं."
शोधकर्ताओं ने पाया है कि ओएसएमआर जितना अधिक क्रियाशील होगा, मरीज की मौत उतनी ही जल्दी होगी.
मस्तिष्क कैंसर में कुछ प्रकार की कोशिकाएं ही खुद को एक संपूर्ण ट्यूमर में बदल पाती हैं. सर्जरी के दौरान अगर इस तरह की एक भी कोशिका बची रह जाती है, तो वह फिर से एक ट्यूमर का विकास कर लेती है.
शोध दल ने पाया कि ओएसएमआर की क्रियाशीलता को बंद करने पर चूहों के मस्तिष्क में ट्यूमर का निर्माण होना बंद हो जाता है.