मधुमेह दिल के रोगों का खतरा बढ़ाता है. मधुमेह का दिल के रोगों और स्ट्रोक जैसी बीमारियों से सीधा संबंध है. यहां तक कि मधुमेह पीड़ितों में से तीन में से दो की मौत या दिल के रोग से होती है या स्ट्रोक से होती है. अंतर्राष्ट्रीय मधुमेह महासंघ के मुताबिक, भारत में 6.51 करोड़ मधुमेह के मरीज हैं और यह आंकड़ा अगले दो दशकों में 10 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.
महासंघ का कहना है कि भारत में 50 प्रतिशत मधुमेह के मामलों की जांच नहीं होती और इनका इलाज बहुत देर से हो पाता है. विश्व स्वास्थ्य दिवस इस साल 'बीट मधुमेह' की 'थीम' के साथ मनाया जा रहा है.
मधुमेह के मामलों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण जीवनशैली और आबादी में बदलाव, वंशानुगत कारणों से, अनुचित आहार और आलसी जीवनशैली है. वैसे तो मधुमेह के लक्षण प्रत्यक्ष नहीं होते, लेकिन हमारी सेहत और शरीर पर पड़ने वाले इसके प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए नई दिल्ली के एस्कार्ट हार्ट इंस्टीच्यूट एंड रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉ प्रवीर अग्रवाल ने कहा, "टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित लोगों की मौत ज्यादातर हृदय रोग से होती है. क्योंकि हृदय रोग और मधुमेह का सीधा संबंध है."
उन्होंने बताया, "मधुमेह का आधार मोटापा है. कमर के इर्द-गिर्द चर्बी जमा होना भारतीयों में आम बात है जिस वजह से ग्लूकोज के नियंत्रण में गड़बड़ी हो जाती है और लोग मधुमेह की चपेट में आ जाते है."
दिल्ली हार्ट एंड लंग इंस्टीच्यूट के वरिष्ठ कंसल्टैंट कार्डियॉलॉजिस्ट डॉ. सुब्रता लहरी ने बताया कि "मधुमेह के इलाज के लिए जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी हैं. धूम्रपान छोड़ना, बसा और शराब का सेवन कम करना, तेज सैर, जॉगिंग, योग और एयरोबिक्स करना काफी मददगार साबित हो सकता है. तनाव मुक्त होने की प्रक्रियाएं भी इसमें काफी मदद कर सकती हैं."
उन्होंने बताया कि विटामिन डी के स्तर को संतुलित करके, व्यायाम और वजन पर काबू कर दिल के दौरे का खतरा 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है. विटामिनयुक्त भोजन और धूप में बैठने से मधुमेह और दिल के रोगों को दूर रखने में काफी मदद मिलती है.
डायबिटीज बना सकता है दिल का मरीज
ABP News Bureau
Updated at:
07 Apr 2016 02:26 AM (IST)
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -