योग के कुछ व्यायामों का मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस) के कुछ खास लक्षणों जैसे थकान, अवसाद और अपसंवेदन पर सकारात्मक प्रभाव हो सकता है. एक अध्ययन में पाया गया है कि योग के आठ हफ्ते के कार्यक्रम और जलीय व्यायामों से मरीजों में इनके लक्षण में पर्याप्त कमी आई.
एमएस एक दीर्घकालिक व तेजी से बढ़ने वाला स्व प्रतिरक्षित बीमारी है, जिसमें प्रतिरक्षी तंत्र नसों के ऊत्तकों पर हमला करते हैं. इसके परिणाम स्वरूप संभवत: अंगों को चलाने में गड़बड़ी होती है.
एमएस के अन्य खास लक्षण शारीरिक और मानसिक थकान के साथ-साथ बेहोशी, अवसाद और पेट में पिन और सूई जैसी चुभन, खुजली और संवेदनशून्यता है.
'मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एवं एक्सरसाइज' नामक पत्रिका में शोधकर्ताओं की यह रिपोर्ट प्रकाशित हुई है. इसमें कहा गया है कि व्यायाम सिखाने के कार्यक्रम को एमएस के मानक इलाज के साथ भविष्य के संभावित पूरक के रूप में चलाने पर विचार किया जाना चाहिए.
अध्ययन दल ने एमएस से पीड़ित 54 महिलाओं का विश्लेषण किया, जिनकी औसत उम्र 34 साल थी और इन्हें तीन समूहों में रखा गया. एक योग का था, दूसरा जलीय व्यायाम वाला था और तीसरा जो बिल्कुल व्यायाम नहीं करता था.
इस परीक्षण के पहले और बाद में मरीजों से उनके लक्षणों के बारे में एक पूरी प्रश्नावली पूछी गई.
सभी मरीजों का जो इलाज चल रहा था उसे जारी रहने दिया गया. खासकर जो प्रतिरक्षी तंत्र ठीक करने के लिए दवा लेती थीं, उन्हें दवा लेते रहने दिया गया.
परिणाम से यह खुलासा हुआ कि जिन मरीजों ने हफ्ते में तीन बार प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा लिया, उनकी थकान और अवसाद में बहुत कमी आई थी, खासकर उनकी तुलना में जिन्होंने यह नहीं किया.
योग और जलीय व्यायाम करने वालों की तुलना में जिस समूह ने व्यायाम नहीं किया, उनमें हल्का से लेकर गहरा अवसाद होने की आशंका 35 गुना अधिक थी.
इस अध्ययन को ईरान के कर्मनशाह युनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और स्विटजरलैंड की साइकियाट्रिक यूनिवर्सिटी क्लिनिक एवं बासेल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने किया है.
स्केलरोसिस में मददगार योग
एजेंसी
Updated at:
06 May 2016 03:57 AM (IST)
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