नई दिल्ली: चिकनगुनिया से अब तक पांच लोगों की मौत की खबर थी, लेकिन अब पांच नहीं चिकनगुनिया से 6 मौत हो गई हैं. गाजियाबाद के महेन्द्र  सिंह 80 साल के थे, इन्हें चिकनगुनिया होने की पुष्टि की गई थी. अपोलो में मल्टीऑर्गन फेल्यिर के कारण इनकी मृत्यु मंगलवार को हुई.

राष्ट्रीय राजधानी स्थित सर गंगा राम अस्पताल में भी मंगलवार की शाम चिकनगुनिया से एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई. प्रकाश कालरा नामका मरीज मथुरा का निवासी था. चिकनगुनिया की वजह से पैदा हुई जटिलता के कारण किडनी फेल होने से उसकी मौत हुई.

इससे पहले मच्छर जनित चिकनगुनिया से अस्पताल ने सोमवार को तीन लोगों की मौत की की पुष्टि की थी., जिनकी उम्र 60 साल से ऊपर थी.

अस्पताल के मुताबिक, 65 वर्षीय आर.पांडे को 11 सितंबर को गाजियाबाद के यशोधरा अस्पताल से गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनकी सोमवार सुबह मौत हो गई.

अस्पताल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "पांडे को चिकनगुनिया से पीड़ित पाया गया था और उनके शरीर में विषाणु की संख्या बेहद अधिक थी. चिकनगुनिया के कारण उन्हें सेप्सिस हो गया था, जिसके कारण 12 सितंबर को तड़के 4.30 बजे उनकी मौत हो गई."

चिकनगुनिया के एक अन्य मरीज 61 वर्षीय उदय शंकर की सोमवार दोपहर को मौत हो गई.

अधिकारी ने कहा, "द्वारका निवासी शंकर को 11 सितंबर को गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. चिकनगुनिया के कारण 12 सितंबर को उनकी मौत हो गई. बीते आठ सितंबर को ओपीडी में उनकी चिकनगुनिया की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी."

चिकनगुनिया के कारण 62 वर्षीय अशोक चौहान की भी मौत हो गई.

इससे पहले दिल्ली के कबीर नगर की रहने वाली ईशा (22) की हिन्दू राव अस्पताल में चिकनगुनिया से मौत हो गई थी. ईशा को 26 अगस्त को अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन उसकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई. इस वजह से एक सितंबर को उसकी मौत हो गई. ईशा हृदय की बीमारी से पीड़ित थी, इसके चलते उसकी मौत हुई.

कुल मामले – 6  
4 गंगाराम अस्पताल
1 हिंदूराव अस्पताल
1 अपोलो

क्या कहना है स्वास्थ्य मंत्री का -

दिल्ली के हेल्थ मिनिस्टर सतेंद्र जैन ने कल रात ट्वीट कर कहा कि मेडिकली कोई भी मौत चिकनगुनिया से नहीं हुई है लेकिन मीडिया इसे चिकनगुनिया बीमारी के कारण हुई मौत दिखा रही है. उन्होंने लिखा कि मैं ये साफ बता देना चाहता हूं कि चिकनगुनिया जानलेवा नहीं है. दिल्ली में रोजाना 200 मौत होती हैं, लेकिन कोई भी उनके बारे में नहीं पूछता.

प्रेस कॉन्‍फ्रेंस के दौरान भी उन्होंने कहा था कि डॉक्टर्स के मुताबिक चिकनगुनिया बीमारी आमतौर पर जानलेवा नहीं है लेकिन कुछ दुर्लभ मामलों में कॉम्पलीकेशंस बढ़ने से ये जानलेवा बन रहा है. खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों में.

सूत्रों के मुताबिक, चिकनगुनिया से होने वाली मौतों की जांच करने की बात की जा रही है कि इन लोगों की मौत का असल कारण क्या था.

सतेंद्र जैन ने लेफ्टिनेंट गवर्नर को दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली को लेकर 'लकवाग्रस्त' होने का आरोप लगाया था. स्वास्थ्य मंत्री ने पाँच दिल्ली के सरकारी अस्पतालों का निरीक्षण किया और लोगों से पैनिक ना करने की अपील की. सतेंद्र जैन के मुताबिक, दिल्ली के 5 सरकारी अस्पतालों का दौरा करने के बाद उन्होंने पाया कि डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज के लिए अच्छे इंतजाम किए गए हैं. लोगों को दहशत में आने की जरूरत नहीं.

क्या कहते हैं आकड़े -

नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक, डेंगू के 1,158, चिकनगुनिया के 1,057 तथा मलेरिया के 21 मामले सामने आए हैं. लेकिन अस्पतालों द्वारा जारी आंकड़े कुछ और ही बयां करते हैं.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने अंतिम सप्ताह तक चिकनगुनिया के 900 से अधिक मामलों की पुष्टि की थी. सूत्रों के मुताबिक, अस्पताल में छह मौतें हो चुकी हैं. एक सितंबर से लेकर अब तक डेंगू से पांच, जबकि चिकनगुनिया से एक मौत हुई है.

चिकनगुनिया से पीड़ित 30 वर्षीय एक व्यक्ति की नौ सितंबर को मौत हो गई थी. एम्स के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "पीड़ित की नौ सितंबर को चिकनगुनिया से मौत हो गई. वह पूर्वी दिल्ली का निवासी था." मौतों की आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है.

दिल्ली सरकार के इंतजाम-

दिल्ली सरकार ने इसका संज्ञान लेते हुए मंगलवार को बुखार पीड़ितों के लिए अस्पतालों 1000 अतिरिक्ति बिस्तरों की घोषणा की. इसके साथ ही लोगों की सूचना मुहैया कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया.

ये बेड राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल और दीपचंद बंधु अस्पताल में मुहैया कराए जाएंगे. सरकार ने एक 011-22307145 के साथ एक नियंत्रण कक्ष की भी घोषणा की है.

सरकार ने 24 घंटे काम करने वाले 26 अस्पतालों में केवल बुखार के लिए समर्पित फीवर क्लिनिक स्थापित किए हैं. दिल्ली सरकार के 262 औषधालय सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक काम करेंगे. उसी तरह 106 आम आदमी मोहल्ला क्लीनिक सुबह आठ बजे से दो बजे अपराह्न् तक काम कर रहे हैं.

दिल्ली सरकार के अनुसार, डेंगु एवं चिकनगुनिया का इलाज दिल्ली के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में उपलब्ध है.

नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक, 10 सितंबर तक डेंगू, चिकनगुनिया और मलेरिया से संक्रमित लोगों की संख्या क्रमश: 1158, 1057 और 21 थी.