बैठक में स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने जानकारी दी कि राज्य में पर्याप्त मात्रा में औषधियां उपलब्ध हैं. उपचार का कार्य मानकों के अनुसार, सभी अस्पताल में किया जा रहा है. इसके साथ ही मलेरिया और डेंगू के लार्वा को नष्ट करने की कार्यवाही भी समानांतर रूप से की जा रही है.
बैठक में बताया गया कि राज्य में एक जनवरी 2016 से अगस्त माह तक डेंगू के 355 और चिकनगुनिया के 25 प्रकरण प्रकाश में आए हैं. राज्य में डेंगू से इस अवधि में एक मौत रायसेन में हुई है. मलेरिया में गत वर्ष इस अवधि में 30 हजार 305 मामले सामने आए थे जबकि इस वर्ष 26 हजार 674 मामलें सामने आए हैं. गत वर्ष से दस-बारह प्रतिशत की कमी हुई है.
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में स्वाइन लू के इस कैलेंडर वर्ष में 884 नमूने जांच के लिए गए. इनमें 38 पाजिटिव पाए गए थे, जिनका उपचार किया गया. बैठक में जननी एंबुलेंस सेवा से जुड़ी व्यवस्थाओं के संबंध में भी विस्तृत चर्चा हुई.