ये तो आप जानते ही हैं डेंगू एडिस इजिप्टी मच्छर के काटने से होने वाला वायरल इंफेक्शन है. इस इंफेक्शन के शरीर में फैलने से फीवर होने लगता है और शरीर पर लाल चकते पड़ने लगते हैं. पिछले कुछ सालों में डेंगू ने बहुत तेजी से अपने पैर पसारे हैं. डेंगू होने से ना सिर्फ गंभीर रूप से आप बीमार पड़ सकते हैं बल्कि इससे जान तक जा सकती है.

एशियाई और लैटिन अमेरिकी देशों में बच्चों को इंफेक्शन पर डेंगू वायरल हो रहा है. बेशक अभी डेंगू का कोई ठोस इलाज मौजूद नहीं है लेकिन सही समय पर इसका इलाज और इससे बचाव ही एकमात्र उपाय है. तो आइए जानते हैं बच्चों को डेंगू के इंफेक्शन से कैसे बचाया जा सकता है.
डेंगू वायरस सिर्फ व्यस्कों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी खासा प्रभावित करता है. दरअसल बच्चे बेहद संवेदनशील होते हैं, ऐसे में बच्चों को डेंगू से बचाने के लिए बच्चों की एक्ट्रा केयर करना बेहद जरूरी है.

बच्चों की एक्ट्रा केयर ऐसे करें -

बच्चों को डेंगू से बचाने के लिए मानसून के मौसम में घर या घर के आसपास पानी जमा ना होने दें क्योंकि डेंगू का मच्छर साफ पानी में पनपता हैं.

बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाकर रखें. साथ ही ट्राउजर भी ऐसे पहनाएं जिससे बच्चे के पैर पूरी तरह ढके रहें. इतना ही नहीं, बच्चे को मौजे भी पहनाकर रखें.

बच्चों को डेंगू के प्रभाव से बचाने के लिए हल्के रंग के कपड़े पहनाएं क्योंकि मच्छर ज्यांदातर गहरे रंगों की ओर आकर्षित होते है.

सिट्रानेल ऑयल बेस्ड क्रीम और स्प्रे का इस्तेमाल करें या फिर हर्बल मच्छर निरोधक का उपयोग करें.

जब बच्चा सो रहा हो तो उसके आसपास मॉस्कीटो नेट लगाएं.

यदि बच्चे के कमरे में खिड़कियां है तो खिड़कियों पर जाल लगवाएं जिससे मच्छर अंदर ना आ पाएं.

एयरकंडीशन होने से भी मच्छ़र नहीं आते.

बच्चे को डेंगू प्रभावित जगहों पर ना लेकर जाएं. बच्चे को गंदगी वाली जगहों से दूर रखें यदि बच्चे को कहीं बाहर डस्ट में लेकर भी जा रहे हैं तो फेसमास्क पहनाएं.

बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, ऐसे में डेंगू के रोगियों से बच्चों को दूर रखें. अगर कुछ दिनों के लिए घर बंद करके जा रहे हैं तो घर की नालियां, टॉयलेट जैसी जगहों को ढककर जाएं.

घर में जगह-जगह मॉस्कीटो रिपेलन्ट लगाएं. एंटीमॉस्कीटो क्रीम भी लगा सकते हैं.

ध्यान रखने योग्य बातें -
यदि बच्चा 2 साल से छोटा है तो बच्चे को डीट मॉस्कीटो क्रीम लगाने या स्प्रे करने से बचना चाहिए.

यदि बच्चा 3 साल से छोटा है तो उसे नीलगिरी का तेल लगाने से बचें.