टाइप-2 मधुमेह के इलाज में बड़े पैमाने पर प्रयोग की जानेवाली इंजेक्टेबल दवाई के साथ खान-पान पर नियंत्रण और व्यायाम के जरिए स्वास्थ्य बेहतर किया जा सकता है. अमेरिकी वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए शोध में यह दावा किया गया है.

केलिफोर्निया स्थित न्यूट्रिशन एंड मेटाबॉलिक रिसर्च स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक व प्रमुख शोधकर्ता केन फूजिका का कहना है, "तीन सालों तक लिराग्लुटाइट की 3.0 एमजी मात्रा के साथ इलाज, खानपान पर नियंत्रण और शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि से ना सिर्फ लोगों का वजन घटता है, बल्कि टाइप 2 मधुमेह का खतरा भी कम होता है."

यह शोध अमेरिका बॉस्टन में आयोजित एंडोक्राइन सोसाइटी की सालाना बैठक एंडो 2016 में प्रस्तुत किया गया था.