हॉवर्ड टी. एच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के की सून का कहना है कि चिंता की बात यह है कि बाहर का खाना खाने पर ऊर्जा तो भरपूर मिलती है, लेकिन पोषण नहीं मिलता है. जिससे वजन बढ़ जाता है और इसी का नतीजा है कि टाइप 2 मधुमेह होने की संभावना भी बढ़ जाती है.
इस शोध के निष्कर्षो से पता चलता है कि जो लोग सप्ताह में पांच से सात बार घर का बना रात का खाना खाते हैं, उनमें सप्ताह में दो या उससे कम बार खाना खानेवालों के मुकाबले टाइप 2 मधुमेह का खतरा 15 फीसदी कम होता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि मधुमेह से बचने के लिए व्यवहार में बदलाव, खानपान सुधारने और व्यायाम करने की सलाह दी जाती है. लेकिन इस शोध के बाद अब इसमें घर का बना खाना खाने की सलाह भी जुड़ गया है.
यह शोध प्लोस मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित किया गया है.