दमा के मरीजों के लिए ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स ने डिजिटल इनहेलर डिगिहेलर पेश किया है. इसमें सटीक डिजिटल डोज काउंटर के साथ कम खुराक के लिए चेतावनी सूचक भी मौजूद है, जो मरीजों को उनके चिकित्सा संबंधी नियमों के अनुपालन पर नजर रखने में सक्षम बनाता है. ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के भारत एवं अफ्रीका क्षेत्र के अध्यक्ष एवं प्रमुख सुरेश वासुदेवन ने कहा, "हमें विश्वास है कि डिजिटल क्रांति की उद्योग जगत में भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी. विशेष तौर पर, अस्थमा एवं सीओपीडी से संबंधित बीमारियों में, जिसमें मरीज द्वारा उपचार हेतु निर्धारित नियमों का पालन नहीं करना विष्वस्तर पर सदियों पुरानी चुनौती है, और यह हर आयु वर्ग के मरीजों में अस्थमा एवं सीओपीडी के अपर्याप्त नियंत्रण का एक प्रमुख कारण का भी है."


उन्होंने कहा, "डिगिहेलर भारत का प्रथम डिजिटल डोज इनहेलर (डीडीआई) है, जिसका लक्ष्य सदियों पुरानी इस चुनौती से निपटना है, क्योंकि यह उपकरण मरीजों को उसके द्वारा लिए गए खुराकों की संख्या पर नजर रखने में सक्षम बनाएगा, साथ ही इसमें लगा इंडिकेटर कम खुराक की चेतावनी भी देता है, जो मरीजों के लिए फायदेमंद है. इसके अतिरिक्त यह मरीजों द्वारा उपचार हेतु निर्धारित नियमों के अनुपालन की जांच में डॉक्टरों को सक्षम बनाएगा.'

विश्व स्वास्थ्य संगठन के वर्ष 2007 के अनुमानों के अनुसार, वर्तमान में विश्वस्तर पर 30 करोड़ लोग दमा से पीड़ित है, और 2025 तक इसके 10 करोड़ तक पहुंचने की आशंका है. विश्वस्तर पर दमा से प्रतिवर्ष 2,50,000 लोगों की मौत होती है, और इससे भारत में प्रतिवर्ष 57,500 लोगों की मौत होती है.

भारत में लगभग 3.5 करोड़ लोग दमा से पीड़ित हैं, जिसमें लगभग 40 प्रतिशत मरीज अनियंत्रित अस्थमा से ग्रस्त हैं, जबकि 60 प्रतिशत मरीज आंशिक रूप से नियंत्रित दमा से ग्रस्त हैं.