नींद की कमी के कारण न केवल आपके मन: स्थिति, बल्कि आपकी दिनचर्या पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है. इसके कारण कोलेस्ट्रॉल चयापचय (अच्छा कॉलेस्ट्रॉल) पर असर पड़ सकता है, जिससे शरीर की रक्त वाहिकाएं प्रभावित हो सकती हैं.

हेलसिंकी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, पर्याप्त नींद लेने वाले व्यक्ति की तुलना में कम नींद लेने वाले इंसान के शरीर में कॉलेस्ट्रॉल परिवहन के नियमन में शामिल वंशाणु (जीन) कम सक्रिय होते हैं.

प्रयोगशाला में नींद की कमी में और जनसंख्या स्तर पर किए प्रयोगों में यह परिणाम पाया गया है.

प्रयोगात्मक अध्ययन से यह साबित होता है कि केवल एक सप्ताह तक पर्याप्त नींद न लेने के कारण ही शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया और चयापचय में बदलाव होना शुरू होता जाता है.

यूनिविर्सिटी के एक बयान में, शोधकर्ता समूह 'स्लीप टीम हेलसिंकी' से विल्मा आहो ने विस्तारपूर्वक बताया, "हमने नींद की कमी के कारण शरीर की प्रक्रियाओं में होने वाले बदलाव की जांच की और यह भी देखा कि कौन से बदलाव बीमारी का कारण बन सकते हैं."

इस अध्ययन में पर्याप्त नींद न लेने के कारण वंशाणु अभिव्यक्ति और रक्त लिपोप्रोटीन स्तर दोनों आधार पर कॉलेस्ट्रॉल चयापचय पर होने वाले प्रभाव की जांच की गई.

जनसंख्या के आधार पर एकत्रित आंकड़ों में शोधकर्ताओं ने पाया कि पर्याप्त नींद लेने वाले लोगों की तुलना में नींद की कमी से गुजर रहे लोगों में उच्च घनत्व वाले लिपो प्रोटीन एचडीएल (सही कोलेस्ट्रॉल) का स्तर कम था.

इन परिणामों से कम नींद लेने वाले लोगों में हृदय रोग के खतरे को बेहतर तरीके से समझने के साथ ही नींद के कारण बढ़ने वाले खतरों के तंत्रों को भी समझने में मदद मिलती है.

शोधकर्ताओं ने जोर देते हुए कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा को आम बीमारियों से बचाव हेतु व्यायाम, स्वस्थ भोजन के साथ-साथ अच्छी और पर्याप्त नींद लेने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए.