लंबे समय तक नींद की कमी और सोने का अनियमित समय शरीर के जैविक चक्र को प्रभावित करता है, जिसके फलस्वरूप सामान्य व्यक्ति को पार्किं संस रोग का अधिक खतरा होता है. पार्किं संस केंद्रीय तंत्रिका तंत्र का एक विकार है, जो शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करता है, इसमें पीड़ित व्यक्ति के अंग कांपने लगते हैं.
इस शोध के अनुसार, सिरकैडियन रिद्म की गड़बड़ी मोटर (तंत्रिका तंत्र का एक भाग जो गतिविधियों के क्रियातंत्र से संबंधित होता है) और सीखने की क्षमता को प्रभावित करती है. सिरकैडियन रिद्म को आम भाषा में बायोलॉजिकल या बॉडी क्लॉक भी कहा जाता है.
अमेरिका की लुईस काट्ज ऑफ मेडिसिन (एलकेएसओएम) संस्थान से संबद्ध डोमेनिको प्रैक्टिको के अनुसार, "कई अध्ययन बताते हैं कि नींद की कमी भी पार्किं संस रोग का एक दूसरा प्रमुख कारण है, लेकिन बॉडी क्लॉक की बाधाएं पार्किं संस रोग की शुरुआत की पहले ही जानकारी दे देती हैं, जिसके बाद इसे एक प्रमुख जोखिम माना जा सकता है."
बॉडी क्लॉक में गड़बड़ी की वजह से सोचने-समझने, तर्क-वितर्क और निर्णय क्षमता भी प्रभावित होती है. अलग पालियों में काम करने वाले पेशेवरों को इसकी अधिक शिकायत रहती है.
यह शोध 'मॉलीकुलर साइकियाट्री' पत्रिका के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित हुआ है.
सावधान! नींद डिस्टर्ब हो रही है तो संभल जाएं, हो सकता है ये गंभीर रोग!
ABP News Bureau
Updated at:
08 Apr 2016 02:28 AM (IST)
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -