नईदिल्लीः एक शोध में सामने आया है कि हर रोज बच्चे अपने लिए जरूरी चीनी की मात्रा से तीन गुना ज्यादा चीनी खा रहे हैं. यह सर्वेक्षण एक भारतीय मूल के शोधकर्ता ने किया है. 'डेली मेल' ने इम्पीरियल कॉलेज लंदन में प्रोफेसर नीना मोदी के हवाले से कहा, "इस सर्वेक्षण के नतीजे बहुत ही चिंताजनक है. ऐसे में जब दस साल के हर तीन बच्चों में से एक बच्चा मोटापे और ज्यादा वजन का शिकार हैं और पांच साल हर तीन बच्चों में से एक में दंतक्षय की समस्या है, ऐसे में चीनी सेवन से निपटने की विफलता से स्वास्थ्य को गंभीर खतरा है."

यह सर्वेक्षण 1,288 वयस्क और 1,258 बच्चों पर किया गया, जिन्होंने तीन या चार रोज पूरा भोजन किया था.

अध्ययन में यह बात सामने आई कि चार से 10 साल के बच्चों, जिन्होंने 100 मिली मीठा पेय पदार्थ औसतन हर रोज पीया और चीनी अभी भी उनके रोजाना कैलोरी का खपत का 13 प्रतिशत है, उनमें यह निर्धारित की गई पांच प्रतिशत की मात्रा से दोगुनी थी.

इसी तरह 11 से 18 साल वालों के हर रोज के आहार में 15 प्रतिशत चीन वाली वस्तुएं शामिल रहीं जो उसकी निर्धारित मात्रा से तिगुनी थी. वयस्क 19 से 64 साल वालों में भी ज्यादा चीनी की खपत देखी गई उनके आहार में 12 प्रतिशत चीनी वाली वस्तुएं शामिल रहीं.

अध्ययन में यह भी देखा गया कि पांच साल उम्र वाले हर पांच में एक और 11 साल की उम्र वाले हर तीन में एक बच्चा मोटापे या ज्यादा वजन से पीड़ित है. चार से 10 साल के बच्चों में हर रोज के आहार का 13 प्रतिशत कैलोरी का भाग संतृप्त वसा से आता है.

अध्ययन बताता है कि ज्यादा वजन और मोटापे वाले बच्चे के आगे चलकर मोटापे और ज्यादा वजन वाले वयस्क में बदलने की संभावना है. इससे दिल के रोगों और टाइप-2 मधुमेह आदि का खतरा बढ़ जाता है.