नईदिल्लीः कभी आपने सोचा है कि कैसे आपका दिमाग शोरगुल वाले कैफे में किताब पढ़ते समय कानों में आने वाली आवाजों और दूसरी गैर जरूरी को रोककर आपको किताब के किसी पन्ने पर एकाग्र बनाए रखता है. नए शोध में पता चला है कि यह सब दिमाग में मौजूद रोकनेवाले (इनहिबिटरी) न्यूरॉन्स की वजह से होता है, जिन्हें वह उस समय तैनात कर देता है.

अध्ययन में कहा गया है कि रोकने वाले न्यूरॉन्स दिमाग के यातायात पुलिस की तरह होते हैं, जो उचित रूप से दिमागी प्रतिक्रिया को सुनिश्चित कराते हैं. आने वाली सूचनाओं को गैरजरूरी सूचनाओं को न्यूरॉन दबा देते हैं और उत्तेजित न्यूरॉन्स को संतुलित करने का काम करते है, जिसका काम दिमागी गतिविधि को बनाए रखना होता है.

न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, वरिष्ठ लेखक जिओ-जिंग वांग ने कहा, "हमारा कंप्यूटरीकृत नमूना बताता है कि रोकने वाले न्यूरॉन्स एक तंत्रिका सर्किट का निर्माण करने में सक्षम होते हैं, जो सूचनाओं को विशेष रास्ता देते हैं और बाकी को रोक देते हैं."

दल की विशेष रुचि एक खास तरह वाले सबटाइप के रोकने वाले न्यूरॉन्स में रही, जो उत्तेजित न्यूरॉन्स के डेंड्राइड्स को लक्षित करते है. डेंड्राइड्स न्यूरॉन्स के वे भाग होते हैं, जहां न्यूरॉन्स की प्रतिक्रिया आती है.

इन रोकने वाले न्यूरॉन्स के डेंड्राइड को लक्षित करने के लिए एक जैविक मार्कर 'सोमैटोस्टेन' का इस्तेमाल किया जाता है.

शोधकर्ताओं का कहना है कि ये सिर्फ न्यूरॉन्स तक बाहर से आने वाली सभी सूचनाओं पर नियंत्रण नहीं करते, बल्कि खुद का अपना रास्ता भी देते हैं जैसे किसी दृश्य और सुनने वाले मामले में एक ही न्यूरॉन पर केंद्रित किए जाते हैं.