स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने कैंसर कोशिकाओं को प्रभावशाली रूप से लक्षित करने के लिए ट्यूमर में कीमोथेरेपी दवा को निर्देशित करने के लिए विशेष प्रोटीन 'नोटिन' का इस्तेमाल किया है.

अमेरिका के उत्तरी कैलिफोर्निया में बायोइंजीनियरिंग की प्रोफेसर जेनिफर कोचरैन ने ट्यूमर में सीधे तौर पर दवा को पहुंचाने के लिए एक एंटीबॉडी (प्रतिरक्षी) का निर्माण किया, ताकि स्वस्थ कोशिकाओं को बगैर हानि पहुंचे कीमोथेरेपी के हानिकारक पहलुओं पर काबू पाया जा सके.

कीमोथेरेपी के दौरान दवाएं अक्सर कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करती हैं, लेकिन इनसे शरीर के कोशिकाओं को भी नुकसान पहुंचाता है. जिससे कई प्रकार के विकार जैसे बालों का गिरना और त्वचा प्रभावित होती है.

यह विशेष प्रोटीन मस्तिष्क की सुरक्षा करने वाले अवरोधों को पार कर मस्तिष्क ट्यूमर की चिकित्सा करने में सक्षम है. यह एंटीबॉडी की तुलना में छोटा है और बहुत ही कम रक्त की आपूर्ति के साथ यह बड़े ट्यूमर तक पहुंचने में सक्षम हो सकता है.

यह शोध 'मॉलीकुलर कैंसर थेरेप्यूटिक्स' और 'एंगेवांडटे केमी' पत्रिका में प्रकाशित हो चुका है.