आईजोल: मिजोरम की राजधानी में देश के अन्य हिस्सों की तुलना में कैंसर की बीमारी की आशंका बहुत अधिक है. पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्रीज (पीबीसीआर) के अनुसार, आईजोल में हर चार में से एक पुरुष के जीवन के किसी भी अवस्था (74 वर्ष की उम्र तक) में कैंसर की चपेट में आने की आशंका है, जबकि भारत के अन्य महत्वपूर्ण शहरों में यह संख्या सात-आठ में एक की है.

मिजोरम में कैंसर के नोडल अधिकारी और पीबीसीआर के मुख्य जांच अधिकारी एरिक जोमाविया ने संवाददाताओं से कहा, "आईजोल में महिलाओं के कैंसर होने का खतरा हर पांच में एक को है, जबकि मुंबई में आठ में एक और दिल्ली में सात में एक को है."

तंबाकू की खपत के मामले में पूरे देश में मिजोरम पहले स्थान पर है. पीबीसीआर ने पाया है कि पूर्वोत्तर के राज्य में कैंसर का प्रमुख स्रोत तंबाकू का इस्तेमाल है.

जोमाविया ने पीबीसीआर के हवाले से कहा है, "मिजोरम में हर साल औसतन 725 लोगों की कैंसर से मौत होती है, जहां की कुल आबादी करीब 11 लाख है."

वर्ष 2012 और 2014 की रपट के बीच कैंसर के चार हजार 656 नए मामले सामने आए हैं. इनमें 2089 महिलाएं हैं. इसकी पुष्टि करते हुए कहा गया है कि राज्य में हर साल औसतन कैंसर के 1552 नए मामले सामने आते हैं. इस प्रदेश की सीमा म्यांमार और बांग्लादेश से लगी हुई है.

आईजोल पीबीसीआर के मुताबिक, पिछले तीन वर्षो (2012 से 2014) तक 2176 लोगों की मौत हुई थी. इनमें 830 महिलाएं और 1346 पुरुष थे.

देश में 29 पीबीसीआर हैं, जिनमें 11 पूर्वोत्तर के राज्यों में हैं, जिसमें आठ राज्य शामिल हैं.