नईदिल्लीः शोधकर्ताओं ने एक ऐसे प्रोटीन की खोज की है जो प्राय: कोशिका के अंदर वसा की बूंदों वाली सतह पर स्थित होता है. यह वसा को अधिक कुशल व स्वस्थ तरीके से तोड़ सकता है. एथलीटों की मांसपेशियों में यह प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सॉस के साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर के एसोसिएट प्रोफसर और शोध के लेखक पेरी बिकेल का कहना है कि इस शोध के निष्कर्षो से मोटापा और टाइप 2 मधुमेह के इलाज के नए तरीके विकसित करने में मदद मिलेगी.


यह शोध नेचर कम्यूनिकेशन जर्नल में ऑनलाइन प्रकाशित किया गया है. इसमें पेरिलिपिन 5 नाम के प्रोटीन की वसा के चयापचय में नई भूमिका का पता चला है. यह प्रोटीन कोशिका के केंद्र में पाया जाता है.

बिकेल बताते हैं कि मोटे लोगों और चूहे-गिलहरी जैसे जंतुओं में अतिरिक्त वसा उन ऊतकों में जमा हो जाती है जो इसे रखने के लिए नहीं बने हैं. जैसे कंकालीय मांसपेशी, हृदय और जिगर के ऊपर. इस कारण इन अंगों के कामकाज में बाधा आती है और कई बीमारियां पैदा हो जाती हैं.

वसा की बड़ी मात्रा को जलाने में शरीर के चयापचय पर अतिरिक्त जोर पड़ता है.

बिकेल कहते हैं कि अगर आप किसी फैक्ट्री में खूब ईंधन भर देंगे तो वह सही से काम नहीं करेगा. ऐसा ही कुछ हमारे शरीर के साथ भी अतिरिक्त वसा के कारण होता है.

बिकेल कहते हैं, "इस प्रोटीन की खोज के बाद शरीर की वसा को जलाने की नई प्रक्रिया को विकसित करना संभव हो सकेगा."