नईदिल्लीः आप अपने दादा-दादी को फेसबुक पर दोस्त बनाते और ऑनलाइन चैट या मैसेंजर का स्मार्टफोन पर इस्तेमाल करते देख हैरान होते होंगे? यदि ऐसा है तो चैन की सांस लीजिए. बुजुर्गो का सोशल मीडिया में लगे रहना उनके अकेलेपन को कम करने के साथ मधुमेह और उच्च रक्तचाप को घटाता है.


शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी वजह सोशल मीडिया तकनीक के ईमेल, ट्विटर, स्काइप आदि में सफलता के साथ रिश्ते बना लेने की क्षमता है.

अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर विलियम चोपिक ने कहा, "सोशल तकनीक से हर किसी से जुड़ाव शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के जरिए अकेलेपन को घटाता है."

अध्ययन में यह पाया गया है कि जो प्रतिभागी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे वे जीवन से ज्यादा संतुष्ट दिखे और उनमें अवसाद के कम लक्षण दिखे. साथ ही उनमें उच्च रक्तचाप और मधुमेह भी कम रहा.

शोध में भाग लेने वाले 95 फीसदी से ज्यादा बुजुर्ग प्रतिभागियों ने कहा कि वे तकनीक से 'कुछ हद तक' या 'बहुत' संतुष्ट हैं, जबकि 75 फीसद प्रतिभागियों ने नई तकनीक सीखने का विरोध नहीं करने की बात कही.

अध्ययन में शोधकर्ताओं के दल ने तकनीक के इस्तेमाल के लाभ का परीक्षण किया. इसमें सोशल मीडिया से जुड़े औसतन 68 साल की उम्र वाले 591 प्रतिभागियों पर अध्ययन किया गया.

यह निष्कर्ष ऑनलाइन पत्रिका 'साइबरसाइकॉलोजी, बिहेवियर एंड सोशल नेटवर्किं ग' में प्रकाशित किया गया है.