नईदिल्लीः क्या आप स्वाद वाले ई-सिगरेट के आदी हैं? यदि ऐसा है तो फिर आप उनका इस्तेमाल करने से पहले सोचिएगा. एक नए अध्ययन में पता चला है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट में स्वाद डालने से खास तौर से स्ट्राबेरी, उपकरणों का जहरीलेपन पर असर पड़ता है.
शोध में यह भी है कि बैटरी के वोल्टेज को बढ़ाने से उपकरण में जहरीलापन बढ़ जाता है.
अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित रोसवेल पार्क कैंसर संस्थान में सहायक प्रोफेसर मैकसेज गोनीवीज ने कहा, "इस अध्ययन से पता चलता है कि ई-सिगरेट की कई विशेषताओं में शामिल कई स्वाद से सांस में जहर जाने का खतरा रहता है. ऐसे में इन उत्पादों के इस्तेमाल में व्यापक अध्ययन जारी रहने तक सावधानी रखने की जरूरत है."
यह अध्ययन पत्रिका 'जर्नल टोबैको कंट्रोल' में प्रकाशित हुआ है. इसमें शोधकर्ताओं ने कहा है कि कई वोल्टेज ई-सिगरेटों से एरोसाल में ब्रॉन्कियल कोशिकाएं बनती हैं. इन कोशिकाओं के व्यहारिकता और कार्य के साथ सूजन की वजहों का भी विश्लेषण किया गया है.
जिन छह तरह के ई-सिगरेट उपकरणों का मूल्यांकन किया गया, इनमें कई प्रकार के स्वाद वाले तरल पदार्थ भरे गए. इसमें तंबाकू, पिना कोलाडा, मेंथाल, कॉफी और स्ट्राबेरी जैसे स्वाद रहे. इन्हें कई बैटरी वोल्टेज पर उत्पादित किया गया.
इस अध्ययन के निष्कर्ष में पता चला कि ई-सिगरेट उपकरण की शक्ति और किसी स्वाद का लती होना खास तौर से ई-सिगरेट के एरोसाल के जहरीलेपन को बढ़ा देता है. स्ट्राबेरी स्वाद इनमें सबसे ज्यादा उपयोगकर्ताओं के लिए जहरीला होता है.
इस फ्लेवर की ई-सिगरेट बन सकती है आपके लिए जहर!
एजेंसी
Updated at:
23 Sep 2016 09:29 AM (IST)
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