एक नए चिकित्सकीय दिशा-निर्देश में टाइप 2 मधुमेह के उपचार के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी (मोटापा कम करने के लिए सर्जरी) को मानक बताया गया है, जिसे 45 अंतरराष्ट्रीय मधुमेह संगठनों ने समर्थन दिया है. यह दिशा-निर्देश मंगलवार को जारी हुआ.

नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, कुछ विशेष श्रेणी के टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में वजन कम करने वाली बैरिएट्रिक सर्जरी की जा सकती है. इसमें उन लोगों को भी शामिल किया जा सकता है, जो बहुत मोटे नहीं हैं, पर परंपरागत चिकित्सा का उन पर कुछ खास असर नहीं होता.

यह चिकित्सकीय दिशा-निर्देश अमेरिकी जर्नल 'डायबिटीज केयर' में प्रकाशित हुआ है.

यह दिशा-निर्देश 11 चिकित्सकीय परीक्षणों पर आधारित है, जिनके मुताबिक, बैरिएट्रिक सर्जरी से मोटापे और टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों में रक्त शर्करा (ब्लड ग्लूकोज) का स्तर अन्य चिकित्सीय उपायों की तुलना में अधिक प्रभावी ढंग से बेहतर किया जा सकता है.

'डायबिटीज केयर' पत्रिका के मुख्य संपादक विलियम सेफालू ने एक बयान में कहा कि पहली बार मधुमेह के उपचार के लिए सर्जरी की बात कही गई है.

नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, बेरिएट्रिक सर्जरी की सलाह केवल उन्हीं लोगों को दी जानी चाहिए, जिनका बीएमआई 40 है. इसकी सलाह 30 बीएमआई वाले ऐसे लोगों को भी दी जा सकती है, अन्य चिकित्सकीय माध्यमों से अपनी रक्त शर्करा नियंत्रित नहीं रख पाते.