केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा ने सोमवार को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से लोगों को तंबाकू का उपयोग शुरू करने से रोकने पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया. तंबाकू के कुप्रभाव के बारे में अभी भी बहुत लोगों को नहीं मालूम है.

स्वास्थ्य मंत्री नड्डा विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा, "तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम से जुड़े साझीदार अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें इसकी रोकथाम वाले हिस्से पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है."

उन्होंने कहा कि छात्रों को तंबाकू सेवन के कुप्रभावों की जानकारी नहीं है. वे तंबाकू की लत के शिकार होते चले जाते हैं. तब तक ऐसा होता है जब तक जांच के बाद उन्हें कैंसर या अन्य घातक बीमारियां हो जाने की जानकारी नहीं मिल जाती.

विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यूएचओ) एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के विरोध में तंबाकू उत्पादक किसानों ने प्रदर्शन भी किया. वे तंबाकू उत्पादों के पैकेटों पर स्वास्थ्य की चेतावनी से जुड़ी बड़ी तस्वीर के नियम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

नड्डा ने कहा कि इसके साझेदारों के लिए यह जरूरी है कि वे स्कूलों एवं कॉलेजों तक तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रमों को ले जाएं.

मंत्री ने कहा कि इसके पीछे विचार यह है कि शुरुआत से ही उन्हें तंबाकू के नुकसानदेह प्रभावों से अवगत कराया जाए ताकि वे धूम्रपान या चबाने वाले रूप में इसकी शुरुआत ही न करें.

उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने के बावजूद भारतीय आबादी का 35 फीसदी युवा किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करता है.

इस अवसर पर उन्होंने तंबाकू की आदत छोड़ने के लिए 'नेशनल टोबैको सेसेशन क्विटलाइन' का भी शुभारंभ किया.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार भारत में 7.5 करोड़ लोग तंबाकू सेवन करते हैं और हर साल सकल घरेलू उत्पाद का 1.2 फीसदी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम एवं तंबाकू की वजह से होने वाले विभिन्न तरह के कैंसर से ग्रस्त मरीजों के इलाज पर खर्च होता है.