वैज्ञानिकों ने जीका, इबोला विषाणु के खिलाफ लड़ाई में एक नई तकनीक इजाद की है, जो मूत्र में एक भी विषाणु का शीघ्र पता लगाने में सक्षम है. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह नई तकनीक इबोला, जीका और एचआईवी जैसे विषाणु के खिलाफ प्रभावी रूप से इस्तेमाल में लाई जा सकती है.
अमेरिका के ऑस्टिन स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास में इस अध्ययन के सह लेखक जेफरी डिक ने कहा, "हमारा अंतिम लक्ष्य एक सस्ता और आसान उपकरण बनाना है, जो मानव में विषाणु की उपस्थिति का पता लगाने में सक्षम हो."
उन्होंने कहा, "अभी भी हम फिलहाल इससे बहुत दूर हैं, लेकिन यह नई सफलता इस दिशा में एक प्रभावी कदम है."
यह नई तकनीक अत्यधिक चयनात्मक है, जिसका अर्थ है कि यह विषाणु के एक ही प्रकार के विषाणु के लिए संवेदनशील है.
यह शोध 'प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अब यूरिन टेस्ट से पता चल जाएगा इबोला वायरस है या नहीं!
एजेंसी
Updated at:
26 May 2016 03:55 AM (IST)
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