नईदिल्लीः एक शोध में पता चला है कि लोगों के चलने के तरीके से उनमें आक्रामता के स्तर की पहचान की जा सकती है. शोध का निष्कर्ष बताता है कि शरीर के ऊपरी और निचले, दोनों हिस्सों की ज्यादा हरकतें आक्रामता का संकेत दे देती हैं.

ब्रिटेन के पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय के प्रमुख शोधकर्ता लियाम सचेल ने कहा, "जब चलते हैं तो शरीर स्वाभाविक रूप से थोड़ा घूमता है, एक व्यक्ति के बायें पैर से लिए गए आगे के कदम में, बाईं तरफ का कूल्हा पैर के साथ आगे बढ़ता है, बायां कंधा पीछे जाता है और दाया कंधा आगे जाकर संतुलन बनाता है. एक आक्रामक चाल में यह घुमाव ज्यादा हो जाता है."

लोग सामान्यतया जानते हैं कि अकड़कर चलने और मनोदशा के बीच संबंध हैं.

शोधकर्ताओं का कहना है कि यह शोध इस प्रायोगिक साक्ष्य की पुष्टि करता है कि हमारे चलने के तरीके से हमारे व्यक्तित्व का पता चलता है.

सचेल ने कहा कि लोगों की जैविक गति और आक्रमकता से जुड़ी मंशा के बीच संभावित संबंध की पहचान कर अपराध रोकने में मदद पाई जा सकती है.

उन्होंने कहा, "यदि सीसीटीवी पर्यवेक्षकों को शोध में बताए गए आक्रामक चाल की पहचान का प्रशिक्षण दिया जाए तो उनकी अपराध से जुड़ी हरकतों की पहचान करने की क्षमता में सुधार किया जा सकता है."

इस अध्ययन के लिए दल ने 29 प्रतिभागियों के व्यक्तित्व का आकलन किया. इसके लिए उन्हें स्वाभाविक रूप से ट्रेडमिल पर चलने के लिए कहा गया और उनकी गति को रिकार्ड किया गया.