आचार्य प्रतिष्ठा के मुताबिक, आलस दूर करने के लिए आप करें पर्वतासन. ये आसन आपको पर्वत की तरह स्ट्रांग बना देगा.
पर्वतासन के लिए चौकड़ी मारकर बैठ जाएं. पदमासन में बैठ सकते हैं तो पदमासन में बैठे. आप चाहे तो सुखासन में भी बैठ सकते हैं. हथेलियों को साइड में टिका दें और सांस भरते हुए दोनों हाथों को ऊपर लेकर जाएं और हाथ जोड़ने की मुद्रा में आपस में मिला दें. आपकी बिल्कुल पर्वत जैसी आकृति बन जाएगी.
सांस भरते हुए इसी पोजीशन में बाएं तरफ झुके. सांस छोड़कर वापिस आएं और फिर दाएं तरफ झुके. फिर पीछे की तरफ धीरे-धीरे झुकते हुए आगे की तरफ ऐसे झुके की हथेलिया और कोहनियां जमीन पर टिक जाएं. माथे को भी जमीन पर टिका दें. सांस भरते हुए वापिस आ जाएं और हाथों को वापिस साइड में कर दें.
यदि आप सुबह-सुबह उठते ही आप पर्वतासन करते हैं तो आप देखेंगे कि मौसम के प्रभाव से होने वाली लेजीनेस और आलस से आपको छुटकारा मिल गया है.