सूरत: नौकरी के लिए फिटनेस टेस्ट, सरकारी अस्पताल में टेस्ट के नाम पर महिलाओं को नंगा खड़ा किया गया
गुजरात के भुज में एक हफ्ता पहले कॉलेज में छात्राओं से पीरियड्स के नाम पर कपड़े उतरवाने की घटना सामने आयी थी. इस बार मिलता जुलता मामला सूरत में पेश आया है. आरोप है कि सरकारी अस्पताल में टेस्ट के नाम पर महिलाओं को नंगा खड़ा करवाया गया.
अहमदाबाद: भुज की घटना के एक हफ्ते बाद एक बार फिर सूरत में उसी तरह का मामला सामने आया है. आरोप है कि सूरत म्यूनिसिपिल कॉर्पोरेशन की महिला प्रशिक्षुओं को नंगा सरकारी अस्पताल में खड़ा करवाया गया और निजता की परवाह किए बिना जांच के नाम पर उनका फिंगर टेस्ट किया गया. इसी तरह की एक घटना भुज में पेश आ चुकी है. जहां छात्राओं को पीरियड्स की जांच के नाम पर कॉलेज में कपड़ा उतारने का दबाव बनाया गया.
फिटनेस टेस्ट के नाम पर ये कैसा जांच ?
सूरत म्यूनिसिपिल कॉर्पोरेशन कर्मचारी यूनियन ने म्यूनिसिपिल कमिश्नर से अपनी शिकायत में कहा, "गुरूवार को करीब 100 महिला प्रशिक्षु अनिवार्य फिटनेस टेस्ट के लिए सूरत म्यूनिसिपल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल गयीं. यहां उनको दबाव डालकर 10 के ग्रुप में नंगा खड़ा करवाया गया. आरोप है कि यहां निजता का भी ख्याल नहीं रखा गया. दरवाजा ठीक से बंद नहीं था. कमरे और दरवाजे के बीच में सिर्फ पर्दा डाल दिया गया. यहां उनका विवादास्पद फिंगर टेस्ट भी किया गया. जरूरी सवाल के नाम पर गैर शादी शुदा महिला प्रशिक्षुओं से उनके गर्भ धारण के बारे में भी पूछा गया. महिला प्रशिक्षुओं का आरोप है कि महिला डॉक्टरों ने उनसे ठीक से बर्ताव भी नहीं किया.
कर्मचारी यूनियन ने मामले का लिया संज्ञान
महिला प्रशिक्षुओं की शिकायत पर कर्मचारी यूनियन के महासचिव ने सख्त टिप्पणी की. एए शेख ने कहा, "महिला प्रशिक्षुओं को जांच के नाम पर नंगा खड़ा करवाना भवायह है. डॉक्टरों को अमानवीय फिंगर टेस्ट से बचना चाहिए था. अगर उन्हें प्रशिक्षुओं के स्वास्थ्य के बारे में शक था तो जांच सम्मानजनक तरीके से होनी चाहिए थी." वहीं, डिप्यूटी म्यूनिसिपिल कमिश्नर ने कहा कि शिकायत मिल गई है. अस्पताल अधीक्षक से इसकी जांच करवाकर रिपोर्ट म्यूनिसिपल कमिश्नर के पास आगे बढ़ा दिया जाएगा.