अयोध्या रेलवे स्टेशन को दिया जाएगा मंदिर जैसा रूप, झलकेगी शहर की संस्कृति
रेलवे स्टेशन को मंदिर का स्वरूप दने के साथ ही अयोध्या को धर्म और पर्यटन दोनों ही नज़रिये से सजाने -संवारने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा.
![अयोध्या रेलवे स्टेशन को दिया जाएगा मंदिर जैसा रूप, झलकेगी शहर की संस्कृति Ayodhya railway station will be given appearance like a temple , the city's culture will reflect अयोध्या रेलवे स्टेशन को दिया जाएगा मंदिर जैसा रूप, झलकेगी शहर की संस्कृति](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2019/08/01204146/ayodhya-1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
लखनऊ: ट्रेन से अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को अगले साल से प्रस्तावित राम मंदिर की झलक शहर के रेलवे स्टेशन पर देखने को मिलेगी. अयोध्या रेलवे स्टेशन को अब राम मंदिर की प्रतिकृति के रूप में नया रंग-रूप दिया जाएगा.रेलवे के सूत्रों के अनुसार, अयोध्या रेलवे स्टेशन का नवीनीकरण 2018 में करने की योजना थी, लेकिन राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले के कारण इसे रोक दिया गया था.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला दिए जाने के बाद यह परियोजना अब जल्द ही लागू होगी और दीवाली 2020 तक पूरी होगी.
खंभों और गुंबदों के साथ रेलवे स्टेशन एक भव्य मंदिर जैसे स्वरूप में नजर आएगा. यह मंदिर शहर की संस्कृति को प्रतिबिंबित करेगा. स्टेशन की दीवारों में शिलाओं की प्रतिकृति वाली ईटें लगाई जाएंगी.
स्टेशन के सौंदर्यीकरण के संबंध में उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के एक दस्तावेज के अनुसार 'धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण' स्टेशन का पुनर्विकास तेजी से किया जाएगा. स्टेशन को मंदिर का स्वरूप देने के अलावा यात्री सुविधाओं और सेवाओं को भी अपग्रेड किया जाएगा. छह मीटर चौड़े दो फुट-ओवर ब्रिज यात्रियों के आवागमन के लिए तीनों प्लेटफार्मो को जोड़ेंगे. नया स्टेशन एलईडी लाइटों से जगमगाएगा.
रेलवे अधिकारियों के लिए आवास के साथ-साथ इसके तीन प्लेटफार्मों पर लगभग 150 स्टील बेंचें, वातानुकूलित (एसी) प्रतीक्षालय और डीलक्स और माडर्न एग्जीक्यूटिव लाउंज और 24 पेयजल कियोस्क होंगे.
लखनऊ के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक (एनआर) जगदीश शुक्ला ने कहा, "80 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे स्टेशन का मंदिर की तर्ज पर सौंदर्यीकरण किया जाएगा. रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस को इस परियोजना पर काम करने के लिए कहा गया है, जो पहले से ही चल रहा है."
अयोध्या को बनाए जाएगा वेटिकन सिटी और मक्का से भी भव्य
यूपी की योगी सरकार ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या को लेकर बड़ा एलान किया है. योगी सरकार ने अयोध्या को ईसाइयों के धर्मस्थल वेटिकन सिटी और मुसलमानों की इबादतगाह मक्का शहर से भी भव्य स्वरुप देने और इसको विकसित किये जाने की बात कही है. इस बारे में योगी सरकार के प्रवक्ता और सूबे के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा है कि उनकी सरकार जल्द ही अयोध्या का रेनोवेशन यानी पुनर्निर्माण करने जा रही है.
पुनर्निर्माण के तहत अयोध्या को इंटरनेशनल लेवल पर विकसित किया जाएगा. इसे इतना खूबसूरत व भव्य लुक दिया जाएगा कि दुनिया के नक़्शे में यह वेटिकन सिटी और मक्का से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाएगा.
इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भी होगा निर्माण
अयोध्या में इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन के साथ ही मूलभूत संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. विकास कार्यों के ज़रिये इसे भव्य स्वरूप तो दिया जाएगा, लेकिन इसकी पहचान, संस्कृति और मूल से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी.
अयोध्या को दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक शहर बनाने के लिए सरकार इंटरनेशनल कंसल्टेंट भी हायर करने जा रही है. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि अयोध्या का विकास भारतीय शहर की ही तर्ज पर किया जायेगा, लेकिन यह इंटरनेशनल सिटी से भी ज्यादा सुन्दर शहर बनेगा.
ऐसा हो सकता है प्रस्तावित राम मंदिर....
राम मंदिर कार्यशाला में हुई बातचीत के आधार पर प्रस्तावित राम मंदिर 2 मंजिला होगा, 128 फीट उंचा, 268 फीट लंबा, 140 फीट चौड़ा होगा. मंदिर निर्माण में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. मंदिर में नींव भी नही होगी, न ही लोहे छड़ का इस्तेमाल किया जाएगा. हर मंजिल पर 106 खंभे होंगे. जिसमें से पहली मंजिल के खंभे 14.5 फीट के होंगे और ग्राउंड फ्लोर के खंभे 16 फीटे के होंगे. हर खंभे पर 16 मूर्तियां होंगी.
खंभे के ऊपर तीन फीट मोटी पत्थर की बीम होगी और बीम के ऊपर 1 फीट मोटी चादर होगी. मंदिर की दीवारें 6 फीट मोटे पत्थरों से बनाई जाएंगी. मंदिर के चौखट को बनाने में सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया जाएगा. मंदिर के पहली मंजिल पर राम दरबार होगा और ग्राउंड फ्लोर पर खुद रामलला होंगे. ग्राउंड फ्लोर पर 10फीट चौड़ा परिक्रमा स्थल भी होगा.
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