नई दिल्लीः दिल्ली में कोविड-19 सर्विलांस रिस्पांस को और मज़बूत बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने संशोधित कोविड रिस्पांस प्लान तैयार किया है. जिसे लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है. वी के पॉल समिति की सिफारिशों के आधार पर ये प्लान तैयार किया गया है.
क्या है इसकी मुख्य बाते-
-26 जून तक कंटेनमेंट जोन की समीक्षा और उनका रीडिजाइन करना होगा
-और 30 जून तक कन्टेनमेंट जोन में हर घर की स्क्रीनिंग और उस पर रिस्पांस
रिवाइज्ड कोविड रिस्पांस प्लान-
1) ज़िला स्तर पर सर्विलांस टीम और ओवरसाइट सिस्टम को मजबूत करना
मौजूदा समय में कोरोना के कंटेन्मेंट को DM की अध्यक्षता वाली डिस्ट्रिक्ट टास्क फोर्स मॉनिटर करती है. समिति की सिफारिशों के मुताबिक इस टीम को मजबूत करने के लिए अब इसमें ये लोग भी शामिल होंगे-
a)दिल्ली पुलिस के डीसीपी
b) नगर निगम के DC
c) MCD में वर्तमान में मौजूद epidemiologists
d) डिस्ट्रिक्ट सर्विलांस ऑफिसर (DSO)
e) आरोग्य सेतु-itihas सॉल्यूशन के लिए IT प्रोफेशनल
f) सहयोगी मेडिकल कॉलेज के फैकल्टी मेम्बर जो P&SM, प्री-क्लीनिकल डिपार्टमेंट और फार्माकोलॉजी विभागों से जुड़े हों
g) शिक्षा/ युवा विभाग (NCC, NSS आदि)
h) अन्य
राज्य स्तर पर स्टेट टास्क फोर्स का नेतृत्व मुख्यमंत्री करेंगे
2) कंटेन्मेंट ज़ोन स्ट्रेटेजी की समीक्षा और सुधार
समिति की सिफारिशों के आधार पर 26 जून तक निम्नलिखित कामो को पूरा करना होगा-
- मौजूदा कंटेन्मेंट जोनिंग प्लान का मूल्यांकन और एक संशोधित कंटेन्मेंट जोनिंग प्लान तैयार करना जिसमें केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक पर्याप्त संख्या में बफर जोन हों. एक इलाके को जब एक बार कंटेन्मेंट ज़ोन घोषित कर दिया जायेगा तो वहां कड़ाई से नियमों का पालन करना होगा और कंटेन्मेंट ज़ोन के अंदर एक्टिव केस सर्च किया जायेगा. कंटेन्मेंट ज़ोन के आस पास पर्याप्त संख्या में बफर जोन होंगे.
- घनी आबादी वाले इलाकों में कोविड पॉजिटिव मरीज़ और क्लस्टर केसेज़ को कोविड केयर सेंटर भेजा जायेगा.
- डेली केस सर्च, टेस्टिंग और आइसोलेशन के लिए पर्याप्त टीम तैयार करना
- शारिरिक दूरी बनाये रखने और कंटेन्मेंट ज़ोन के अंदर आबादी को intermixing से रोकने के लिए पुलिस डिप्लॉयमेंट करना
- कंटेंड इलाके की सीमा में अंदर और बाहर आने जाने वाले लोगों के मूवमेंट को पुलिस के द्वारा नियंत्रित करना
- प्रशासन द्वारा कंटेन्मेंट ज़ोन में आवश्यक सेवाओ की आपूर्ति कराना
- CCTV और ड्रोन मॉनिटरिंग के ज़रिए कंटेन्मेंट ज़ोन के अंदर मूवमेंट पर प्रतिबंध लगाना
- नियम उल्लंघन करने वालो पर जुर्माना लगाना
- ICMR की गाइडलाइंस के मुताबिक कंटेन्मेंट ज़ोन के अंदर रैपिड एंटीजन टेस्ट कराना. रैपिड एंटीजन टेस्ट में निगेटिव पाये जाने वाले highly suspicious cases का RT-PCR टेस्ट कराना (आरोग्य सेतु एप से मोबाइल के ज़रिए मॉनिटरिंग के साथ).
3) सर्विलांस और कांटेक्ट ट्रेसिंग एक्टिविटीज को मजबूत करना-
हाई रिस्क और लो रिस्क कांटेक्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइंस के आधार पर परिभाषित किये जायेंगे. कांटेक्ट ट्रेसिंग को प्रभावशाली बनाने के लिए DM ऑफिस में एक डेडिकेटेड टीम को तैनात किया जायेगा. जिसमें कॉन्टेक्ट्स को मैप करने के लिए टेली-कॉलर्स और कॉन्टेक्ट्स को विजिट करने और हाई रिस्क कॉन्टेक्ट्स को क्वारन्टीन करने के लिए फील्ड टीम शामिल होंगी.
A) सभी सिम्प्टोमैटिक कांटेक्ट और असिम्प्टोमैटिक हाई रिस्क कॉन्टेक्ट को गाइडलाइंस के मुताबिक सम्पर्क में आने के पांचवे से दसवें दिन के बीच टेस्ट करना होगा
B) DSO को सहयोग देने के लिए मैनपॉवर नियुक्त करना और रिसोर्सेज बढ़ाना ताकि प्रत्येक पॉजिटिव केसेज़ की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जा सके
C) कोविड पॉजिटिव मरीज़ के घर और दफ्तर के चारों 24 घन्टे के अंदर ओर कंटेन्मेंट ज़ोन बनाना. सम्पर्क में आये लोगों का डेटा समय से डिस्ट्रिक्ट लेवल और स्टेट लेवल सर्विलांस यूनिट के साथ साझा करना.
D) समिति की सिफारिश के अनुसार सार्वजनिक डोमेन में अनाम कोविड मरीज़ की यात्रा की जानकारी का पता लगाया जायेगा
E) ये सुनिश्चित किया जायेगा कि सभी के पास खासकर कंटेन्मेंट ज़ोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड किया गया हो. संभावित हॉटस्पॉट्स पर काम किया जायेगा जिसे रोज़ाना डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर के संज्ञान में लाया जायेगा ताकि आगे इस पर कार्यवाही की जा सके.
4) क्लस्टर प्रोजेक्शन और रिस्पॉन्स के लिये आरोग्य सेतु और ITIHAS सिस्टम का उपयोग करना
5) Sero-Survey- स्टेट लेवल सेरोलॉजिकल सर्वे 27 जून से शुरू किया जायेगा और 10 जुलाई तक इसे पूरा कर लिया जायेगा. इसके तहत सभी जिलों में हर आयु वर्ग से जुड़े 20,000 टेस्ट कराये जाने की योजना है.
6) हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर को संक्रमित होने से बचाना
7) NGO, सिविल सोसाइटी और voluntary संस्थाओं को शामिल करना- होम आइसोलेशन की मॉनिटरिंग और कॉन्टेक्ट्स की जल्द ट्रेसिंग के लिये
8) IEC (इन्फॉर्मेशन, एजुकेशन, कम्युनिकेशन) एक्टिविटीज को बढ़ाना.
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