मुंबई: मुंबई से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि कामगार मजदूरों को खाने-पीने की काफी किल्लत हो रही है. स्लम से लेकर मुंबई के कई इलाकों में लोगों तक मदद नहीं पहुंच पा रही है. अब इन खबरों के बीच मुंबई के इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने एक ऐप बनाया है जिसकी मदद से यह जानकारी मिल सकेगी कि जरूरतमंद किस जगह पर हैं और उन्हें किन चीजों की जरूरत है. इस ऐप की बदौलत अन्य लोग जरूरतमंदों की मदद कर सकेंगे.


मुंबई के सायन इलाके के निजी कॉलेज के तृतीय वर्ष के छात्र इदरीश बुरहानुद्दीन शिवम ने साथ मिलकर यह ऐप बनाया है. शिवम ने बताया कि दिहाड़ी मजदूरों का काम बंद हो गया और उन्हें खाने-पीने की दिक्कत हो रही है. कई बार समाजसेवी और एनजीओ से बात करने पर मालूम चला कि वह मदद करना चाहते हैं पर उन्हें यह समझ नहीं आता कि जरूरतमंद लोग कहां है और कैसे उन तक पहुंचे. इसी जरूरत को देखकर यह बनाने का फैसला तीनों ने मिलकर किया.


हेल्प फ्लेयर नाम का यह ऐप कॉलेज के टीचर के संग बात कर के छात्रों ने बनाया है. टीचरों का कहना है कि लॉकडॉन सफल बनाने के लिए लोगों को घर में रहना जरूरी है, जो लोग मदद करना चाहते हैं उन्हें जरूरतमंदों की सही जगह और जरूरत मालूम चल सके इस कड़ी में यह बेहद सकारात्मक साबित होगा.


गौरतलब है कि मुंबई से हजारों हजार मजदूर सड़क के रास्ते वापस अपने घरों की तरफ लॉकडॉन की शुरुआत में निकल गए थे. इसके बाद भी हजारों की तादाद में कामगार मुंबई में मौजूद हैं. इनके खाने की दिक्कत एक बड़ी समस्या बन गई है.